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स्पीकर ने दो बार कार्यवाही स्थगित की
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आम की गुठली खाने से हुई मौत को लेकर जमकर हुआ हंगामा
भुवनेश्वर। ओडिशा विधानसभा के शीतकालीन सत्र का पहला दिन हंगामे के साथ शुरू हुआ। विपक्षी सदस्यों द्वारा आम की गुठली के खाने से हुई मौत के मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन के कारण स्पीकर सुरमा पाढ़ी को दो बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
पहली बार कार्यवाही स्थगित करने की नौबत उस समय आई, जब शोक प्रस्ताव के बाद प्रश्नकाल शुरू हुआ। हंगामे के कारण इसे 12:25 बजे तक स्थगित करना पड़ा। जब कार्यवाही फिर से शुरू हुई, तो प्रश्नकाल एक बार फिर बाधित हो गया, जिससे स्पीकर ने सदन की कार्यवाही 4:00 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
इस दौरान विपक्षी दलों, विशेष रूप से बीजद और कांग्रेस, ने शासन, जवाबदेही और जनहित के मुद्दों पर सवाल खड़े किए। बीजद विधायक रणेंद्र प्रताप स्वाईं ने संवैधानिक सुरक्षा उपायों पर सवाल उठाए, वहीं कांग्रेस नेताओं ने आम की गुठली खाने से मौत के मामलों को लेकर मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी पर तीखा हमला किया। कांग्रेस ने मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग की, जिसके चलते सत्ताधारी भाजपा और विपक्षी दलों के बीच तीखी नोकझोंक हुई।
सत्र की शुरुआत में मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने शोक प्रस्ताव रखा और विधानसभा के पूर्व सदस्यों के निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त की। विपक्ष के नेता नवीन पटनायक, कांग्रेस विधायक दल के नेता रामचंद्र कदम और माकपा विधायक लक्ष्मण मुंडा ने भी दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि दी। सभी दलों के सदस्यों ने दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए एक मिनट का मौन रखा।
छह दिवंगत विधायकों को दी गई श्रद्धांजलि, शोक प्रस्ताव पारित
ओडिशा विधानसभा के शीतकालीन सत्र की शुरुआत में पहले दिन विधानसभा में छह दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई और शोक प्रस्ताव पारित किया गया।
जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, सदन के नेता और मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने दिवंगत नेताओं के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए शोक प्रस्ताव प्रस्तुत किया। जिन दिवंगत सदस्यों के लिए प्रस्ताव पारित किया गया उनमें ओडिशा के पूर्व मंत्री स्वर्गीय समीर दे, पूर्व विधायक धनेश्वर माझी, पूर्व विधायक मकरध्वज प्रधान, पूर्व विधायक निरंजन प्रधान,पूर्व विधायक उत्कल केसरी परिडा,पूर्व विधायक पूर्ण चंद्र माझी शामिल हैं। विपक्षी दल के नेता नवीन पटनायक, कांग्रेस विधायक दल के नेता रामचंद्र काडाम और सीपीएम विधायक लक्ष्मण मुंडा ने इस शोक प्रस्ताव का समर्थन किया।
इसके बाद सभी सदस्यों ने दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए एक मिनट का मौन रखा। इसके बाद शोक प्रस्ताव को पारित किया गया।