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उपमुख्यमंत्री सिंहदेव की अध्यक्षता में संकटग्रस्त प्रवासी श्रमिकों पर टास्क फोर्स की हुई बैठक
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पश्चिम बंगाल और झारखंड के बाद ओडिशा में नज फाउंडेशन प्रवास रोकने में करेगी मदद
भुवनेश्वर। लोक सेवा भवन के कॉन्फ्रेंस हॉल में संकटग्रस्त प्रवासी श्रमिकों की समस्या के समाधान हेतु गठित उच्च स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक उप मुख्यमंत्री एवं कृषि, किसान सशक्तिकरण और ऊर्जा मंत्री कनक वर्धन सिंहदेव की अध्यक्षता में हुई। बैठक में नज फाउंडेशन ने अपनी रुचि दिखाई। यह संस्था गरीबी मुक्त भारत के लिए कार्यरत है और ओडिशा में संकटग्रस्त प्रवास की समस्या को हल करने की दिशा में काम करना चाहती है। पहले इसने पश्चिम बंगाल और झारखंड में सफलतापूर्वक काम किया है।
इस दौरान पता चला कि दो मुख्य कारणों से लोग राज्य से बाहर जाते हैं। इसमें से एक अधिक आय की उम्मीद है। खासकर गंजाम जिले से लोग बेहतर कमाई की आशा में प्रवास करते हैं। दूसरा कारण जीविका की कमी है। बलांगीर, कलाहांडी, झारसुगुड़ा और बरगढ़ जिलों के लोग आजीविका और कर्ज चुकाने के लिए बाहर जाते हैं।
इस दौरान उपमुख्यमंत्री सिंहदेव ने कहा कि राज्य में टिकाऊ आजीविका के साधन उपलब्ध कराने से यह समस्या काफी हद तक हल हो सकती है। नज फाउंडेशन इन प्रवासन-प्रवण जिलों और ग्राम पंचायतों का अध्ययन कर समाधान पर कार्य करेगी। टिकाऊ आजीविका, खाद्य सुरक्षा और सामाजिक सुरक्षा के जरिए प्रवास रोकने का प्रयास किया जाएगा। नज फाउंडेशन प्रभावित परिवारों की वित्तीय और सामाजिक स्थिति का समय-समय पर आकलन करेगी।
इस दौरान क्लस्टर दृष्टिकोण को लेकर राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने सुझाव दिया कि प्रवासन प्रवण पंचायतों और ब्लॉकों में क्लस्टर आधारित समाधान अपनाया जाए। ग्रामीण विकास मंत्री रवि नारायण नायक और श्रम मंत्री गणेश राम सिंह खुंटिया ने भी अपने विचार साझा किए।
बैठक में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी, ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री रवि नारायण नायक, श्रम एवं पर्यावरण मंत्री गणेश राम सिंह खुंटिया, डीसी सह एसीएस श्रीमती अनु गर्ग और प्रमुख सचिव शाश्वत मिश्रा सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। यह प्रयास ओडिशा में संकटग्रस्त प्रवास की समस्या को जड़ से समाप्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है।