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CAIT-03 भ्रष्ट और रिश्वतखोर अफसरों की खैर नहीं, कैट ने फूंका बिगुल

भ्रष्ट और रिश्वतखोर अफसरों की खैर नहीं, कैट ने फूंका बिगुल

  • भ्रष्टचार और रिश्वतखोरी में लिप्त अधिकारियों की निजी एजेंसियों से होगी स्क्रूटनी

  • आय-व्यय का लेखा-जोखा होगा तैयार

  • आंकड़े प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को सौंपने का ऐलान

भुवनेश्वर। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ा कदम उठाते हुए भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की तैयारी का ऐलान किया है। ओडिशा प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र कुमार गुप्ता ने स्पष्ट रूप से कहा कि अब भ्रष्टचार और रिश्वतखोरी में लिप अफसरों की खैर नहीं होगी।
उन्होंने कहा कि ऐसे अधिकारियों की पहचान कर उनकी आय और व्यय के साथ मौजूदा रहन-सहन संपत्तियों का विस्तृत लेखा-जोखा तैयार किया जाएगा। यह प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता के साथ किसी निजी एजेंसी के द्वारा करायी जाएगी और दोषी अधिकारियों पर सरकार के द्वारा कार्रवाई करवाना सुनिश्चित किया जाएगा। गुप्ता ने बताया कि इन आंकड़ों को विस्तृत जांच के लिए संबंधित एजेंसियों को सौंपा जाएगा, ताकि किसी भी तरह के भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म किया जा सके।
कैट का मानना है कि भ्रष्टाचार न केवल व्यापारिक माहौल को प्रभावित करता है, बल्कि आम नागरिकों के विकास में भी बाधा डालता है। गुप्ता ने कहा कि हमारा उद्देश्य है कि ओडिशा को भ्रष्टाचार-मुक्त बनाना और व्यापारियों के लिए एक स्वस्थ वातावरण तैयार करना। जो अधिकारी अपनी सीमा लांघकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
कैट ने ऐलान किया है कि राज्य के भ्रष्ट अधिकारियों का विस्तृत डाटा तैयार किया जाएगा, जिसमें उनकी आय, संपत्ति और खर्चों का पूरा विवरण शामिल होगा। इस डाटा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ओडिशा के मुख्यमंत्री श्री मोहन चरण माझी को सौंपा जाएगा। कैट का यह कदम भ्रष्टाचार के खिलाफ राज्य और केंद्र सरकारों को मजबूत जानकारी देने में मदद करेगा।
गुप्ता ने यह भी कहा कि कैट इस लड़ाई को केवल भाषणों तक सीमित नहीं रखेगा। उन्होंने सभी व्यापारियों और नागरिकों से अपील की कि वे भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी आवाज उठाएं और ऐसे अधिकारियों की जानकारी साझा करें जो अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं।
कैट ने इस अभियान को राज्यव्यापी आंदोलन का रूप देने की योजना बनाई है। इस संदर्भ में कैट के सभी पदाधिकारियों और सदस्यों को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी कि वे स्थानीय स्तर पर भ्रष्टाचार के मामलों की पहचान करें और उसका रिकॉर्ड तैयार करें।
गुप्ता ने कहा कि यह लड़ाई केवल कैट की नहीं है, बल्कि हर नागरिक की है। हम प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के साथ मिलकर भ्रष्टाचार को खत्म करने का संकल्प लेते हैं।
कैट का यह कदम निश्चित रूप से भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ा संदेश देगा और ईमानदार व्यापारियों और नागरिकों के लिए एक मजबूत समर्थन साबित होगा।

इस खबर को भी पढ़ें-कैट ने की टेंडरधारकों के लिए अलग जीएसटी प्रावधान की मांग

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