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पिता द्वारा बेटे को ‘कल्कि अवतार’ बताने के बाद राज्य बाल संरक्षण आयोग ने लिया संज्ञान
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पिता के खिलाफ मामला दर्ज
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15 दिनों के भीतर विस्तृत रिपोर्ट तलब
भुवनेश्वर। ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में एक पिता द्वारा अपने बेटे को ‘कल्कि अवतार’ के रूप में प्रचारित करने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस प्रकरण में ओडिशा राज्य बाल संरक्षण अधिकार आयोग (ओएससीपीपीआरसी) ने स्वत: संज्ञान लेते हुए पिता के खिलाफ मामला दर्ज किया है और 15 दिनों के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। हालांकि पिता ने सफाई दी है और इसे साजिश करार दिया है।
क्या है मामला?
आरोप है कि काशीनाथ मिश्र नामक व्यक्ति अपने 18 वर्षीय बेटे को ‘कल्कि अवतार’ के रूप में पेश कर लोगों को गुमराह कर रहा था। सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरों में उनके बेटे को एक कुर्सी पर बैठे और चरणों में पवित्र तुलसी रखी हुई दिखाया गया है।
कानूनी कार्रवाई
ओडिशा राज्य बाल संरक्षण अधिकार आयोग की अध्यक्ष मन्दाकिनी कर ने बताया कि उन्हें इस मामले में एक लिखित शिकायत प्राप्त हुई थी। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि बच्चे को धार्मिक गतिविधियों में शामिल कर उसकी भावनाओं का शोषण किया गया और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई गई। इस पर आयोग ने भरतपुर पुलिस स्टेशन से रिपोर्ट मांगी है और जिला बाल संरक्षण अधिकारी को मामले की जांच करने का निर्देश दिया है।
सोशल संगठन की शिकायत
इस मामले में एक समाजसेवी संगठन ने भी भरतपुर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है। संगठन ने आरोप लगाया है कि काशीनाथ मिश्र ने अपने बेटे को ‘कल्कि भगवान’ बताकर लोगों की धार्मिक आस्था का शोषण किया और धन की वसूली की। इसके अलावा, उन पर धार्मिक प्रतीकों और परंपराओं का अपमान करने का आरोप लगाया गया है।
पुलिस ने शुरू की जांच
भरतपुर पुलिस स्टेशन के सहायक पुलिस आयुक्त तपस प्रधान ने बताया कि शिकायत दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। हालांकि, अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि आरोप कितने सही हैं।
प्रवचनों पर भी सवाल
समाजसेवी संगठन ने आरोप लगाया है कि काशीनाथ मिश्र ने प्रवचनों में झूठे दावे किए, जिनमें हरियाणा में हुए एक विमान हादसे में जीवित बचे लोगों का जिक्र भी शामिल है। इन दावों की जांच करने पर उन्हें असत्य पाया गया।
18 वर्ष का है बेटा
बताया जा रहा है कि काशीनाथ मिश्र का बेटा 18 वर्ष का है और पढ़ाई कर रहा है। वायरल तस्वीरें पुरानी हैं, ऐसा बैकुंठ धाम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दावा किया है। यह मामला अब धार्मिक शोषण, आस्था के साथ खिलवाड़ और बाल अधिकारों के उल्लंघन के मुद्दों को उजागर कर रहा है। पुलिस और आयोग की जांच के बाद ही सच्चाई सामने आ सकेगी।
अनुयायियों के साथ हाथापाई
इस बीच भुवनेश्वर के खंडगिरि इलाके में स्थित ‘श्री बैकुंठ धाम’ में रविवार को उस समय तनाव फैल गया, जब स्थानीय लोगों ने आश्रम परिसर में घुसने की कोशिश कर रहे स्वयंभू बाबा के अनुयायियों के साथ हाथापाई की। तनाव बढ़ने पर पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रण में किया।
बेटा भगवान नहीं – काशीनाथ
इस बीच, भगवान विष्णु के कल्कि अवतार होने का दावा करने वाले स्वयंभू बाबा के पिता काशीनाथ मिश्र ने स्पष्टीकरण दिया कि उनका बेटा भगवान नहीं है। एक वीडियो संदेश जारी करते हुए उन्होंने कहा कि उनके बेटे का आश्रम से कोई संबंध नहीं है और यह मेरे परिवार के खिलाफ एक साजिश है।
10 साल पहले की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर जो फोटो वायरल हो रही है, वह 10 साल पहले ली गई थी, जब मेरा बेटा केवल 5 साल का था। यह फोटो मेरे दोस्त के घर पर एक जन्मदिन समारोह में ली गई थी। फोटो में न तो मैं और न ही मेरी पत्नी मौजूद थे। मिश्र ने अपने बेटे को आश्रम की गतिविधियों से जोड़ने वाली किसी भी अफवाह को खारिज करते हुए कहा। उन्होंने आगे कहा कि कुछ शरारती तत्वों ने गलत सूचना फैलाकर समुदाय के सामने उनके परिवार की प्रतिष्ठा को धूमिल किया है। अपने बेटे को गुरु मानने के आरोपों के जवाब में मिश्र ने कहा कि ऐसे आरोप निराधार हैं।
आध्यात्मिक प्रथाओं का पालन करता है बेटा
उन्होंने कहा कि मैं भगवान जगन्नाथ और सनातन धर्म की संस्कृति को दुनिया भर में बढ़ावा देने में व्यस्त हूं और मेरा बेटा केवल हमारी आध्यात्मिक प्रथाओं का पालन करता है।