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गौरव दिवस पर जनजातीय समुदाय को 1535 करोड़ की परियोजनाओं का सौगात

  • मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने भुवनेश्वर में परियोजनाओं का शुभारंभ किया

  • ओडिशा में धूमधाम से मनायी गयी भगवान बिरसा मुंडा की जयंती

  • बिहार के जमुई से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हुए शामिल

  • बिरसा मुंडा के संघर्ष और योगदान को देश और समाज कभी नहीं भूल सकता – मुख्यमंत्री

भुवनेश्वर। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने गौरव दिवस पर जनजातीय समुदाय के विकास के लिए 1535 करोड़ की परियोजनाओं का सौगात दिया। मुख्यमंत्री ने इन परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि बिरसा मुंडा हमारे स्वतंत्रता संग्राम के एक महान योद्धा थे। उनका संघर्ष स्वर्ण अक्षरों में अंकित है और हमेशा रहेगा।
भुवनेश्वर में आज जनजातीय गौरव दिवस का धूमधाम से व बड़े उत्साह के साथ मनाया गया। इस राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम का मुख्य आयोजन बिहार के जमुई में हुआ, जबकि भुवनेश्वर के जनता मैदान में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने भाग लिया। वह वर्चुअल माध्यम से प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में शामिल हुए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का दिन हमारे जनजातीय समुदाय की समृद्ध परंपरा को सम्मानित करने का दिन है। उन्होंने इस अवसर पर महान स्वतंत्रता सेनानी शहीद लक्ष्मण नायक, रत्ना नायक, चक्रा विषोई, डोरा विषोई और रेंडो माझी जैसे देशभक्तों के बलिदान और त्याग को भी याद किया। उन्होंने कहा कि इन महापुरुषों ने हमारे देश के इतिहास और संस्कृति को एक नई पहचान देने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि बिरसा मुंडा का संघर्ष और योगदान देश और समाज के लिए सदैव प्रेरणा का स्रोत रहेगा। उनका जीवन जनजातीय समाज के उत्थान और अधिकारों की रक्षा का प्रतीक है।
प्रधानमंत्री के प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जनजातीय गौरव दिवस के पावन अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार के जमुई में उपस्थित होकर ‘धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष योजना’ के तहत कई कल्याणकारी परियोजनाओं का शुभारंभ कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य जनजातीय समुदाय के स्वास्थ्य, शिक्षा, आजीविका और बुनियादी जरूरतों में व्याप्त असमानता को दूर कर उन्हें मुख्यधारा में शामिल करना है।
ओडिशा के  7,667 गांव योजना में शामिल
मुख्यमंत्री ने कहा कि ओडिशा के 27 जिलों के 7,667 गाँवों को इस योजना में शामिल किया गया है। इस अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए हम सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इन सभी गांवों में विशेष ग्राम सभाएं आयोजित की जा रही हैं, ताकि योजना के उद्देश्यों को प्रभावी ढंग से लागू किया जा सके। यह पहल जनजातीय समुदाय के समग्र विकास और उन्हें सशक्त बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
शिक्षा पर फोकस
मुख्यमंत्री ने जनजातीय विकास और कल्याण के लिए 1535 करोड़ रुपये की जिन परियोजनाओं की आधारशिला रखी, उसके तहत 16 आश्रम स्कूलों को हाई स्कूल में उन्नत किया जाएगा, जिसमें प्रति स्कूल 15 करोड़ रुपये की लागत से कुल 240 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। इसी प्रकार, 13 माध्यमिक विद्यालयों को उच्च माध्यमिक विद्यालयों में परिवर्तित किया जाएगा, जिसके लिए प्रति स्कूल 22 करोड़ रुपये की लागत से कुल 286 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
इसके अलावा, 426 प्राथमिक विद्यालयों के लिए हॉस्टल निर्माण हेतु 852 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
जनजातीय संस्कृति और विरासत भवन बनेंगे
भुवनेश्वर के गोठपाटना में जनजातीय संस्कृति और विरासत भवन का निर्माण किया जाएगा। इसमें 100 करोड़ रुपये की राशि खर्च होगी। गोठपाटना में जनजातीय भाषा संस्थान के निर्माण के लिए 50 करोड़ रुपये और जनजातीय अस्मिता भवन के लिए 4 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही, 5 बहुउद्देश्यीय केंद्रों के निर्माण के लिए 3 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।
परंपराओं और विरासत की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार जनजातीय समुदायों की उच्च परंपराओं और विरासत की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। जनजातीय समुदायों के सर्वांगीण विकास के लिए कई कदम उठाए गए हैं। जंगल भूमि के अधिकार प्रदान कर इन्हें सशक्त बनाया जा रहा है।
8 विशेष पिछड़ी जनजातियों हैबिटेट राइट्स मिला
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जंगल भूमि अधिकार अधिनियम के तहत राज्य की 8 विशेष पिछड़ी जनजातियों को उनके निवास का अधिकार, जिसे हैबिटेट राइट्स कहा जाता है, प्रदान किया। पीवीटीजी वर्ग को हैबिटेट राइट्स देने में ओडिशा ने उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल कर राष्ट्रीय स्तर पर एक मिसाल कायम की है।
आदिवासियों के समग्र विकास पर विशेष ध्यान
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार आदिवासियों के समग्र विकास पर विशेष ध्यान दे रही है। आदिवासी छात्र-छात्राओं के ड्रॉपआउट दर को रोकने के लिए हमारी सरकार ‘माधो सिंह हाथ खर्च योजना’ शुरू किया है। इसके साथ ही, आदिवासी क्षेत्रों में बच्चों के लिए हॉस्टल का निर्माण, अनुसूचित क्षेत्रों में पेसा कानून को लागू करना और ग्राम सभाओं को सक्रिय करने के लिए भी सरकार आवश्यक कदम उठा रही है।

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