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पांचवां ईएमआरएस राष्ट्रीय सांस्कृतिक और साहित्यिक महोत्सव तथा कला उत्सव ‘उद्भव’ का शुभारंभ
भुवनेश्वर। 5वां ईएमआरएस राष्ट्रीय सांस्कृतिक और साहित्यिक महोत्सव तथा कला उत्सव 2024- ‘उद्भव’ का आज भव्य उद्घाटन किया गया। इसमें 22 राज्यों से 1400 से अधिक छात्र भाग ले रहे हैं। उद्घाटन समारोह में जुएल ओराम, केंद्रीय आदिवासी मंत्रालय के मंत्री, दुर्गादास उईके, राज्य मंत्री (आदिवासी मामलों), नित्यानंद गोंड, मंत्री, एस एंड एमई, एसएसडी, एम एंड बीसीडब्ल्यू विभाग, एसएसईपीडी ने भाग लिया। इसके अतिरिक्त विष्णुपद सेठी (आईएएस), प्रमुख सचिव, अजीत कुमार श्रीवास्तव, कमिश्नर, एनईएसटीएस और इन्द्रमणि त्रिपाठी (आईएएस), सचिव, ओएमटीईएस और निदेशक, एसटी ने भी इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।
इस उत्सव का उद्घाटन करते हुए केंद्रीय मंत्री जुएल ओराम ने कहा कि ईएमआरएस का उद्देश्य आदिवासी छात्रों को शिक्षा के क्षेत्र में सफलता प्राप्त कराना है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि ईएमआरएस देशभर में स्थापित किए गए हैं। उन्होंने छात्रों को ईएमआरएस को देश का नंबर एक स्कूल बनाने के लिए प्रेरित किया और इस राष्ट्रीय महोत्सव की सफलता के लिए सभी का सहयोग मांगा।
राज्य मंत्री दुर्गादास उईके ने इस प्रकार के राष्ट्रीय कार्यक्रम के आयोजन की सराहना करते हुए छात्रों से कहा कि वे अपने जीवन में एकलव्य के आदर्शों को अपनाएं और इस प्रकार के आयोजनों से एक-दूसरे के विचारों का आदान-प्रदान बढ़ा है। उन्होंने कहा कि यहां विभिन्न शैलियों में उनकी क्षेत्रीय लोक कला, संस्कृति, संगीत और साहित्य को प्रदर्शित करने का अवसर मिला है।
मंत्री नित्यानंद गोंड ने आदिवासी समाज में शिक्षा को बढ़ावा देने के महत्व पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि ईएमआरएस आदिवासी बच्चों को मुख्यधारा में लाने के लिए एक अद्भुत पहल है। उन्होंने यह भी बताया कि अटल बिहारी वाजपेयी जी के प्रयासों से जो आदिवासी शिक्षा को प्राथमिकता देने वाला अद्वितीय आवासीय विद्यालय शुरू हुआ था, वह अब देश के हर राज्य में एक विशेष अवसर बन गया है।
विष्णुपदा सेठी ने स्वागत संबोधन दिया और ओडिशा की विविधता, समृद्ध परंपरा और इतिहास के बारे में जानकारी दी। अजीत कुमार श्रीवास्तव ने इस पहल के उद्देश्य के बारे में जानकारी दी, जबकि इन्द्रमणि त्रिपाठी ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
उल्लेखनीय है कि उद्भव एक वार्षिक उत्सव है जिसका उद्देश्य भारत भर के एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों (ईएमआरएस) के छात्रों की सांस्कृतिक और साहित्यिक प्रतिभाओं को प्रदर्शित करना है। यह कार्यक्रम 12 से 15 नवम्बर तक चलेगा, जिसमें लगभग 1400 छात्र और 250 शिक्षक विभिन्न राज्यों से भाग ले रहे हैं। छात्र 47 विविध प्रतियोगिताओं में भाग लेंगे, जिसमें कहानी सुनाना, संगीत, नृत्य, गायन, वाद-विवाद और वाचन शामिल हैं, जो उनकी प्रतिभा और रचनात्मकता को प्रदर्शित करेगा।