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सांस्कृतिक और साहित्यिक महोत्सव के लिए पूरी तैयारी
भुवनेश्वर। ओडिशा राज्य 12 से 15 नवंबर, 2024 के बीच 5वें एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय राष्ट्रीय सांस्कृतिक और साहित्यिक महोत्सव एवं कला उत्सव ‘उद्भव’ की मेजबानी के लिए पूरी तरह तैयार है। इस अनोखे महोत्सव का आयोजन ओडिशा सरकार के अनुसूचित जाति व जनजाति विकास और अल्पसंख्यक व पिछडा वर्ग विकास विभाग द्वारा किया जा रहा है, जिसे राष्ट्रीय आदिवासी छात्र समाज द्वारा वित्तपोषित किया गया है।
आदिवासी मामलों के मंत्री जुएल ओराम, आदिवासी मामलों के राज्य मंत्री श्री दुर्गादास उइके, और अनुसूचित जाति व जनजाति विकास मंत्री श्री नित्यनंद गोंड ने इस महोत्सव के उद्घाटन समारोह में शामिल होने की सहमति दी है।
इस आयोजन में देशभर के 22 राज्यों के एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय के 1300 से अधिक छात्र और 250 शिक्षक हिस्सा लेंगे। यह आयोजन भुवनेश्वर के शिक्षा ओ अनुसंधान विश्वविद्यालय में हो रहा है और इसे भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में श्रद्धांजलि के रूप में मनाया जा रहा है, जो देश का गौरव हैं।
इस महोत्सव में छात्रों के लिए 47 विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जिनमें कहानी सुनाना, संगीत, नृत्य, गायन, वाद-विवाद, वक्तव्य जैसे प्रतियोगिताएं शामिल हैं। छात्रों को नई और अनूठी अनुभव देने के उद्देश्य से रचनात्मक और नवाचार-प्रेरित कार्यशालाएं भी आयोजित की जा रही हैं, जिनसे छात्र अपनी प्रतिभाओं को और निखार सकते हैं। विजेताओं को पुरस्कारों से नवाजा जाएगा और सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र दिए जाएंगे। हर शाम दो घंटे सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए रखे गए हैं, जिसमें राज्य के प्रसिद्ध कलाकारों द्वारा कला रूपों का प्रदर्शन होगा, जो विशेष रूप से छात्रों के लिए आयोजित किए गए हैं।
इसके अलावा, छात्रों के मनोरंजन के लिए फन जोन भी स्थापित किए गए हैं, जहां वे आराम कर सकेंगे। शहर में छात्रों का पहुंचना शुरू हो गया है और उन्हें भुवनेश्वर के विभिन्न होटलों में ठहराया गया है। कार्यक्रम स्थल तक पहुँचने के लिए विशेष वाहनों की व्यवस्था की गई है।
छात्रों को नाश्ता, दोपहर का भोजन और रात का भोजन कार्यक्रम स्थल पर ही परोसा जाएगा, जिसमें ओडिशा के पारंपरिक व्यंजन भी शामिल हैं। यह चार दिवसीय महोत्सव देशभर के छात्रों को एक ऐसा मंच प्रदान करेगा, जहां वे शिक्षा, प्रतिस्पर्धा और सांस्कृतिक उत्सव के माहौल का आनंद उठा सकेंगे।
इससे पहले, ईएमआरएस राष्ट्रीय सांस्कृतिक और साहित्यिक महोत्सव तथा कला उत्सव के आयोजन देहरादून (2023), बेंगलुरु (2022), उदयपुर (2019) और जमशेदपुर (2018) में हुए थे।
आदिवासी मामलों के मंत्री जुएल ओराम, आदिवासी मामलों के राज्य मंत्री श्री दुर्गादास उइके, और अनुसूचित जाति व जनजाति विकास मंत्री श्री नित्यनंद गोंड ने इस महोत्सव के उद्घाटन समारोह में शामिल होने की सहमति दी है।
इस आयोजन में देशभर के 22 राज्यों के एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय के 1300 से अधिक छात्र और 250 शिक्षक हिस्सा लेंगे। यह आयोजन भुवनेश्वर के शिक्षा ओ अनुसंधान विश्वविद्यालय में हो रहा है और इसे भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में श्रद्धांजलि के रूप में मनाया जा रहा है, जो देश का गौरव हैं।
इस महोत्सव में छात्रों के लिए 47 विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जिनमें कहानी सुनाना, संगीत, नृत्य, गायन, वाद-विवाद, वक्तव्य जैसे प्रतियोगिताएं शामिल हैं। छात्रों को नई और अनूठी अनुभव देने के उद्देश्य से रचनात्मक और नवाचार-प्रेरित कार्यशालाएं भी आयोजित की जा रही हैं, जिनसे छात्र अपनी प्रतिभाओं को और निखार सकते हैं। विजेताओं को पुरस्कारों से नवाजा जाएगा और सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र दिए जाएंगे। हर शाम दो घंटे सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए रखे गए हैं, जिसमें राज्य के प्रसिद्ध कलाकारों द्वारा कला रूपों का प्रदर्शन होगा, जो विशेष रूप से छात्रों के लिए आयोजित किए गए हैं।
इसके अलावा, छात्रों के मनोरंजन के लिए फन जोन भी स्थापित किए गए हैं, जहां वे आराम कर सकेंगे। शहर में छात्रों का पहुंचना शुरू हो गया है और उन्हें भुवनेश्वर के विभिन्न होटलों में ठहराया गया है। कार्यक्रम स्थल तक पहुँचने के लिए विशेष वाहनों की व्यवस्था की गई है।
छात्रों को नाश्ता, दोपहर का भोजन और रात का भोजन कार्यक्रम स्थल पर ही परोसा जाएगा, जिसमें ओडिशा के पारंपरिक व्यंजन भी शामिल हैं। यह चार दिवसीय महोत्सव देशभर के छात्रों को एक ऐसा मंच प्रदान करेगा, जहां वे शिक्षा, प्रतिस्पर्धा और सांस्कृतिक उत्सव के माहौल का आनंद उठा सकेंगे।
इससे पहले, ईएमआरएस राष्ट्रीय सांस्कृतिक और साहित्यिक महोत्सव तथा कला उत्सव के आयोजन देहरादून (2023), बेंगलुरु (2022), उदयपुर (2019) और जमशेदपुर (2018) में हुए थे।