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भारतीय लोकसभा की प्रणाली पूरी दुनिया में स्वीकार्य – अपराजिता षाड़ंगी

  • ओम बिरला की पहल परिधान की होगी भुवनेश्वर में शुरुआत

  • संसदीय ट्रेनिंग सेंटर में दुनियाभर के सांसद ले सकते हैं ट्रेनिंग

  • कहा-ओम बिरला की वजह से आज मैं यहां हूं

  • लोकसभा अध्यक्ष की कार्यशैली, सहनशीलता और सहज स्वाभाव को अनुकरणीय बताया

भुवनेश्वर। ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में आयोजित एक कार्यक्रम में स्थानीय संसद के वरिष्ठ भाजपा नेता अपराजिता षाड़ंगी ने भारतीय लोकसभा प्रणाली की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह पूरी दुनिया में स्वीकार्य है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ओम बिरला की पहल परिधान की शुरुआत भुवनेश्वर में होने जा रही है। परिधान के तहत लोगों से कपड़े संग्रहित करके जरूरतमंदों के बीच वितरित किया जायेगा।

भुवनेश्वर की सांसद अपराजिता षाड़ंगी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के लिए रमा फाउंडेशन की ओर से आयोजित सम्मान समारोह में स्वागत भाषण के दौरान यह बातें कहीं। संसदीय प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना की योजना का जिक्र करते हुए अपराजिता ने कहा कि यह केंद्र दुनियाभर के सांसदों को प्रशिक्षण प्रदान करेगा। हालाही में एक विदेश दौरे के जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा था कि यहां सभी लोग आकर प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं। इस प्रस्ताव का सभी ने स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह केंद्र सांसदों को भारतीय लोकतंत्र, संसदीय प्रणाली और कार्यशैली से अवगत कराने में मदद करेगा।

अपराजिता ने कहा कि ओम बिरला की वजह से आज मैं यहां हूं। उनकी कार्यशैली, सहनशीलता और सहज स्वभाव अनुकरणीय हैं। उन्होंने हमेशा संसद की गरिमा को बनाए रखने और लोकतांत्रिक मूल्यों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिसका मैं अनुकरण करती हूं।

अपराजिता ने आगे कहा कि भारतीय संसद ने हमेशा दुनिया के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत किया है। हमारी संसदीय प्रणाली में विविधता, सहिष्णुता और संवाद की परंपरा है। आज संसद में लगभग 40 से अधिक राजनीतिक दलों से विभिन्न विचारधाराओं के साथ आने वाले सभी सदस्यों के साथ समन्वय बनाने में ओम बिरला की कला प्रेरणादायक है।

संसदीय प्रशिक्षण केंद्र की भूमिका पर बात करते हुए अपराजिता ने कहा कि यह भारत के लिए गर्व का विषय है कि हमारे सांसदों को वैश्विक स्तर पर प्रशिक्षित किया जाएगा। हमारी संसदीय प्रणाली केवल भारत के लिए नहीं, बल्कि अन्य देशों के लिए भी एक सीखने का अवसर है। हमें इस तरह के कदमों की जरूरत है, जो लोकतंत्र को मजबूत करने में मदद करेंगे।

इस खबर को भी पढ़ें-वैश्विक मंच पर बज रहा भारत की स्थिरता और प्रगति का डंका : ओम बिरला

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