-
कहा-आर्थिक और सामाजिक संपन्नता के माध्यम से ही देश बढ़ सकता है स्थिरता की ओर
-
देश को आगे बढ़ाने में हर नागरिक के योगदान की आवश्यकता पर बल दिया
हेमन्त कुमार तिवारी, भुवनेश्वर।
राजनैतिक, सामाजिक, धार्मिक और भाषाई विविधताओं के बावजूद भारत की स्थिरता और प्रगति का डंका पूरी दुनिया में बज रहा है। आर्थिक और सामाजिक संपन्नता के माध्यम से ही कोई देश स्थिरता की ओर बढ़ सकता है।
उक्त बातें लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भुवनेश्वर में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में कहीं। उन्होंने कि भारत को एक सशक्त और स्थिर राष्ट्र बनाने में हर नागरिक का योगदान जरूरी है। उन्होंने जोर दिया कि आर्थिक और सामाजिक संपन्नता के माध्यम से ही देश स्थिरता की ओर बढ़ सकता है और विश्व पटल पर अपनी उपस्थिति को मजबूती से कायम रख सकता है।
शांति और स्थिरता प्रगति की नींव
बिरला ने कहा कि भारत की स्थिरता और शांति न केवल देश की प्रगति के लिए आवश्यक है, बल्कि यह पूरे विश्व के लिए प्रेरणादायक है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि शांति और स्थिरता ही वह आधार हैं जिन पर एक समृद्ध राष्ट्र की नींव रखी जा सकती है। उन्होंने कहा कि भारत विश्व के विभिन्न देशों में शांति और स्थिरता का प्रतीक बन चुका है।
आयात की निर्भरता में कमी, निर्यात में वृद्धि
भारत में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते हुए निर्यात में वृद्धि हुई है। ओम बिरला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत के निर्यात में वृद्धि से आर्थिक स्थिरता को बल मिला है और आयात पर निर्भरता कम हुई है। यह आत्मनिर्भरता का एक मजबूत संकेत है, जो देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। उन्होंने कहा कि एक समय था, जब भारत सिर्फ आयात पर निर्भर था, लेकिन आज हर सेक्टर में भारत निर्यात कर रहा है।
दुनिया के आर्थिक बदलाव में भारत का योगदान
बिरला ने कहा कि भारत की आर्थिक सुधार नीतियों और योजनाओं ने उसे वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता के रूप में स्थापित किया है। भारत ने न केवल अपनी आंतरिक आर्थिक संरचना को मजबूत किया है, बल्कि वैश्विक मंच पर भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया की निगाहें भारत की तरफ की टिकी हुई है। आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा निवेश के लिए सुगम देश बन गया है।
मानव संसाधन भारत की अमूल्य संपत्ति
भारत के विशाल मानव संसाधन को उसकी सबसे बड़ी संपत्ति बताते हुए बिरला ने कहा कि यह संपत्ति दुनिया में किसी भी राष्ट्र की तुलना में विशिष्ट और शक्तिशाली है। भारत के प्रतिभाशाली और कुशल लोग तकनीकी और विविध क्षेत्रों में अपनी छाप छोड़ रहे हैं। यही कारण है कि विश्वभर में भारत का मानव संसाधन शोध का एक प्रमुख विषय बना हुआ है। उन्होंने कहा कि आज भारत युवाओं का देश है, जबकि कई देशों में जनसंख्या काफी घट रही है।
विविधता में एकता भारत की वैश्विक पहचान
भारत की विविधता में एकता ही उसे दुनिया में एक अलग पहचान दिलाती है। बिरला ने कहा कि भारत का संगठित और मजबूत रहना इस बात का प्रतीक है कि विविधता में एकता का क्या महत्व है। उन्होंने कहा कि भारत विश्व के सामने एक उदाहरण है कि विभिन्न संस्कृतियों, भाषाओं, और परंपराओं के बावजूद संगठित रहकर प्रगति की जा सकती है। उन्होंने कहा कि यह विविधताएं दुनियाभर में शोक का विषय बनी हुई हैं।
विश्व मंच पर भारत का योगदान सबसे अधिक
बिरला ने कहा कि भारत का विश्व मंच पर योगदान अद्वितीय और अत्यधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि भारत ने विश्व को यह संदेश दिया है कि एक स्थिर और संगठित राष्ट्र न केवल अपने नागरिकों के कल्याण के लिए बल्कि संपूर्ण विश्व के लिए भी लाभकारी हो सकता है। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश काफी समृद्धि के साथ दुनिया की सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था वाला देश बनने की ओर अग्रसर है।
भव्य अभिनंदन
इस दौरान मंच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का भव्य अभिनंदन किया। कार्यक्रम का संचालन भाजपा के वरिष्ठ नेता सज्जन शर्मा ने किया, जबकि स्वागत भाषण भुवनेश्वर की सांसद अपराजिता षाड़ंगी दिया। कार्यक्रम के आयोजक अजय अग्रवाल ने ओम बिरला का परिचय दिया।
इस खबर को भी पढ़ें-प्रधानमंत्री मोदी के मन की बात में ओडिशी नृत्य का विशेष उल्लेख