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फर्जी कॉल सेंटर के भंडाफोड़ के बाद पुलिस खोजने में जुटी जड़

  • कमिश्नरेट पुलिस ने गठित की एक विशेष जांच टीम

  • तकनीकी और वित्तीय पहलुओं की होगी गहन जांच

  • भुवनेश्वर से कोलकाता से जुड़े हैं तार

भुवनेश्वर। हाल ही में भुवनेश्वर के सुंदरपदा क्षेत्र में चल रहे एक फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश होने के बाद कमिश्नरेट पुलिस ने मामले की जांच में तेजी ला दी है। पुलिस अब इस धोखाधड़ी नेटवर्क की जड़ें तलाशने में जुट गई है और आरोपियों के अन्य साइबर अपराधों से संबंध का पता लगाने का प्रयास कर रही है। इस पूरे मामले की गहराई में जाने के लिए पुलिस ने एक विशेष जांच टीम गठित की है, जो तकनीकी और वित्तीय दोनों पहलुओं की गहन जांच करेगी।

फर्जी कॉल सेंटर में इस्तेमाल किए जा रहे तकनीकी साधनों और सॉफ्टवेयर की जांच पुलिस की प्राथमिकता में है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, आरोपी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फिशिंग ईमेल का उपयोग कर नागरिकों को निशाना बना रहे थे। अमेरिका और अन्य देशों के नागरिकों को एंटी-वायरस सॉफ्टवेयर और अन्य उत्पादों के नाम पर ठगा जा रहा था। इसके लिए कॉल सेंटर के कर्मचारी फर्जी ईमेल आईडी का इस्तेमाल करते थे, जिससे वे भोले-भाले लोगों को धोखे में डालते थे। पुलिस अब उन सर्वरों और नेटवर्क उपकरणों की जांच कर रही है जिनका उपयोग इस अपराध को अंजाम देने में किया गया था।

पुलिस इस पूरे मामले में आरोपियों द्वारा की गई वित्तीय लेन-देन को ट्रैक करने के लिए बैंक खातों और अन्य आर्थिक स्रोतों की गहन पड़ताल कर सकती है। खबर है कि यह देखा जा रहा है कि कहीं इन लेन-देन के माध्यम से अन्य अंतरराष्ट्रीय धोखाधड़ी नेटवर्क से जुड़े होने की संभावना तो नहीं है। पुलिस का मानना है कि आरोपियों ने फर्जी कंपनियों के नाम पर इन खातों का उपयोग किया होगा, जिनसे अवैध रूप से पैसे कमाए गए हैं।

कोलकाता में जांच का विस्तार
जांच के दौरान सामने आया है कि इस फर्जी कॉल सेंटर का नेटवर्क पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों तक फैला हुआ है। इसलिए, पुलिस की एक विशेष टीम कोलकाता जाकर वहां के नेटवर्क की जांच करेगी। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या कोलकाता से जुड़े अन्य अपराधी भी इस धोखाधड़ी में शामिल हैं और क्या वहां से कोई तकनीकी या वित्तीय सहायता प्रदान की गई थी।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस मामले की गहन जांच से न केवल इस गिरोह का पर्दाफाश हो सकेगा, बल्कि भविष्य में इस तरह के साइबर अपराधों पर भी रोकथाम लगाई जा सकेगी।

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