-
धर्मेंद्र प्रधान और रघुवर दास ने वाल्मीकि जयंती पर शुभकामनाएं दी
भुवनेश्वर। महर्षि वाल्मीकि की कृति ‘रामायण’ को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने न केवल एक महाकाव्य बताया, बल्कि इसे धर्म, न्याय, और मर्यादा का प्रतीक ग्रंथ कहा जो संपूर्ण मानवता के लिए एक आदर्श मार्गदर्शक है। वाल्मीकि जयंती पर शिक्षा मंत्री ने सोशल मीडिया एक्स के माध्यम से शुभकामनाएं देते हुए कहा कि महर्षि वाल्मीकि ने मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के आदर्श जीवन को जन-जन तक पहुंचाया और उनकी रचनाएं आज भी प्रासंगिक हैं। प्रधान ने महर्षि वाल्मीकि को नमन करते हुए उनकी करुणा, त्याग और सदाचार की शिक्षाओं की सराहना की।
शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित ‘रामायण’ केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं है, बल्कि यह समस्त मानवता के लिए नैतिकता, न्याय, और कर्तव्यबोध का अनमोल ग्रंथ है। उनकी शिक्षाएं समाज के हर वर्ग को प्रेरित करती हैं।
ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास ने भी इस मौके पर महर्षि वाल्मीकि को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि संस्कृत में ‘रामायण’ की रचना करने वाले, भगवान श्रीराम के परम भक्त और आदिकवि महर्षि वाल्मीकि को कोटि-कोटि प्रणाम। राज्यपाल ने वाल्मीकि जी की शिक्षाओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनकी रचनाएं आज भी समाज को सही राह दिखाती हैं।