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अंफान की हर हरकत पर रखी नजर
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सूचनाएं अपडेट करने के लिए तैनात की थी टीम
गोविंद राठी, बालेश्वर
ओडिशा के लिए खुशी की खबर है. यहां आईटीआर चांदीपुर ने एक बार फिर से अपनी क्षमता दिखायी है और यहां महाचक्रवात अंफान की हर हरकत पर नजर रखी गयी और सूचनाएं अपडेट करने के लिए टीम तैनात की गयी थी. संबंधित लोगों को सूचनाएं लगातार अपडेट मिलती रही. उल्लेखनीय है कि जब पूरी दुनिया वैश्विक महामारी कोविद-19 से जूझ रही है, तभी प्रकृति का प्रकोप एक बार फिर से बढ़ गया है.
ओडिशा राज्य के तटीय जिलो को एक और उष्णकटिबंधीय महा चक्रवात अंफान की मार झेलनी पडी, जिसमें बालेश्वर भी शामिल है. ठीक एक साल पहले बेहद भयंकर चक्रवाती तूफान ‘फनी’ आया था, जिसने अपनी विनाशकारी शक्ति से राज्य को पस्त कर दिया था. हालांकि समय और फिर अत्यधिक तैयारियों और विभिन्न स्तरों पर समय पर की गई कार्रवाई के कारण ओडिशा के लोग इस प्राकृतिक विपदा से लड़ने के लिए तैयार हो गये हैं. इस दौरान चांदीपुर तट पर स्थित प्रमुख डीआरडीओ प्रयोगशाला आईटीआर चांदीपुर ने एक बार फिर से अपनी क्षमता दिखाते हुए अंफान के दौरान राज्य प्राधिकरण को हर संभव समर्थन देते हुए अपनी भूमिका निर्वहन करते हुए की मानवता की सख्त जरूरत पर खरा उतरा है.
इसके निदेशक डॉ बीके दास के नेतृत्व में आईटीआर टीम ने चक्रवाती तूफान से उत्पन्न होने वाली किसी भी घटना के लिए अत्याधुनिक संसाधन जुटाए एवं जिला प्रशासन को आपदा प्रबंधन सहायता प्रदान की. आईटीआर टीम की योजना डॉ बीके दास की अध्यक्षता में आयोजित एक स्टेशन स्तरीय बैठक के साथ शुरू हुई, जिसमें बीके दास जैसे अन्य रक्षा प्रतिष्ठानों के प्रमुखों की उपस्थिति के साथ प्रायोगिक पीएक्सई, एस्टेट प्रबंधन इकाई (ईएमयू), परियोजना प्रबंधन इकाई (पीएमयू) और सैन्य इंजीनियरिंग सेवा (एमईएस) ने अपना पूरी तरह से सुसज्जित मौसम स्टेशन के जरिये चक्रवात के विकास की निगरानी की जिम्मेदारी ली और अपने विश्व स्तर के डॉपलर वेदर रडार का उपयोग करके चक्रवात के प्रक्षेपवक्र पर नज़र रखा.
इसके अतिरिक्त आईटीआर ने अपने संसाधनों जैसे सामग्री हैंडलिंग उपकरण (मोबाइल क्रेन, रिकवरी वैन), डीजल जेनरेटरसेट आदि मुहैया करवाया. संभावित नुकसान का आकलन करने और एकत्र के लिए एक समर्पित टीम तैयार की गई थी. किसी भी प्रकार की आपदा प्रभावितों को सहायता प्रदान करने और आवश्यकता पर आपातकालीन निकासी करने के लिए तैयारी कि गयी थी. चक्रवात के विकास का अध्ययन आईटीआर मौसम विज्ञान टीम (मैट विभाग) और ट्रजेक्टरी द्वारा किया गया था.
प्रक्षेपवक्र (जमीन पर चक्रवात का पता लगाने) की भविष्यवाणी भारतीय मौसम विज्ञान के परामर्श से की गई थी. चक्रवात के कारण अनुमानित प्रक्षेपवक्र और संभव हवा की गति के अनुसार, सभी महत्वपूर्ण रक्षा प्रतिष्ठानों और उपकरणों को किसी भी प्रकार के खिलाफ अग्रिम रूप से सुरक्षित रूप से संरक्षित किया गया था. आईटीआर मैट विभाग ने 19 मई को समय 8.30 बजे से अपने 1¹ रडार का उपयोग करके चक्रवात पर नज़र रखना शुरू किया, जब अंफान 500 किमी से अधिक की दूरी पर था.
यहाँ मौसम के राडार से प्राप्त सभी आंकड़ों को आईएमडी के साथ-साथ बालेश्वर जिला प्रशासान के साथ साझा किया गया था. चक्रवात से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने के लिए चक्रवात का अनुमान, हवा की गति और अन्य पूर्वानुमान मापदंडों के आधार पर प्रति घंटे लैंडफॉल तक यह जानकारी सभी विभागों के साथ साझा की गई. 20 मई को लगभग 4 बजे आईटीआर डॉपलर वेदर रेडार द्वारा एक सीमा पर चक्रवात की आंख को ट्रैक किया गया था.
इस दौरान पवन मापदंडों की भविष्यवाणी शुरू कर दी गई थी, जब हमसे अंफान लगभग 250 किमी दूरी पर था. निदेशक डॉ बीके दास ने खुद इसका नेतृत्व किया. आईटीआर मौसम स्टेशन पर विश्लेषण टीम को जिला प्रशासन को अपडेट करने के लिए रखा गया था. वास्तविक समय में चक्रवात लगभग 11.30 बजे चक्रवात एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से समुद्र के अंदर तट से लगभग 100 किमी दूरी से गुजरा. इस दौरान अधिकतम हवा की गति लगभग 115 किमी प्रति घंटा थी और जैसे-जैसे आगे बढ़ता गया, उस पर नजर ऱखी गयी. यह यहां के लिए एक बड़ी उपलब्धि है.