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यह पुरस्कार हमें जल संसाधनों के संरक्षण के लिए करेगा प्रेरित – मुख्यमंत्री
भुवनेश्वर। ओडिशा पांचवें राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2023 में शीर्ष स्थान पर रहा है, जबकि उत्तर प्रदेश ने दूसरा स्थान हासिल किया है। जलशक्ति मंत्रालय ने सोमवार को यह जानकारी दी। गुजरात और पुडुचेरी ने संयुक्त रूप से तीसरा स्थान प्राप्त किया। यह पुरस्कार नौ श्रेणियों में देने की घोषणा की गई।
पूरे भारत में जल संरक्षण और प्रबंधन में उत्कृष्ट योगदान के लिए यह सम्मान दिया जाता है। जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने राष्ट्रीय जल पुरस्कार के विजेताओं की सूची की घोषणा की। पुरस्कार समारोह 22 अक्टूबर को होगा, जिसकी अध्यक्षता राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू करेंगी।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जलसंरक्षण में ओडिशा की उल्लेखनीय उपलब्धियों में 53,000 से अधिक जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन संरचनाओं का निर्माण और 11,000 पारंपरिक जलाशयों का जीर्णोद्धार शामिल है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा, 21,000 अपशिष्ट जलशोधन संयंत्र स्थापित किए गए, जिससे 90,900 हेक्टेयर से अधिक सिंचित भूमि को सूक्ष्म सिंचाई प्रणालियों के तहत लाया गया और उसके परिणामस्वरूप 87,000 किसानों को लाभ हुआ।
ओडिशा में नौ करोड़ पौधरोपण
अधिकारी ने कहा कि राज्य ने वनीकरण में भी महत्वपूर्ण प्रगति की है और नौ करोड़ पौधे लगाये गये। जलशक्ति मंत्रालय ने कहा कि दूसरे नंबर पर रहे उत्तर प्रदेश की जल जीवन मिशन के तहत उसके प्रयासों के लिए सराहना की गई। इस मिशन के तहत 17,900 से अधिक गांवों में नलजल कनेक्शन दिये गये, परिणामस्वरूप 1.91 करोड़ परिवार लाभान्वित हुए।
तीसरा स्थान संयुक्त रूप से पुडुचेरी और गुजरात को
मंत्रालय के मुताबिक, उत्तर प्रदेश ने अपशिष्ट जल प्रबंधन में भी प्रगति की है, गंगा नदी में प्रदूषण कम करने के लिए 4,100 एमएलडी की संयुक्त क्षमता वाले 133 मलजल शोधन संयंत्र (एसटीपी) का निर्माण किया है। तीसरा स्थान केंद्रशासित प्रदेश पुडुचेरी और गुजरात को संयुक्त रूप से मिला।
तीन जिले संयुक्त रूप से सर्वश्रेष्ठ जिला
जल प्रबंधन और संरक्षण में असाधारण प्रयासों को प्रदर्शित करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में सर्वश्रेष्ठ जिला पुरस्कार प्रदान किए गए। विजेताओं में दक्षिण क्षेत्र में आंध्र प्रदेश से विशाखापत्तनम, उत्तर पूर्व क्षेत्र में त्रिपुरा से धलाई तथा उत्तर प्रदेश से बांदा तथा जम्मू-कश्मीर से गंदेरबल उत्तर क्षेत्र के संयुक्त विजेताओं में शामिल हैं। इसके अलावा, कई अन्य श्रेणियों में पुरस्कार दिये गये हैं।
मोहन माझी ने प्रेरणादायक बताया
मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने कहा कि पांचवें राष्ट्रीय जल पुरस्कार में प्रथम स्थान प्राप्त करना ओडिशा के लिए गर्व की बात है और इससे हमें जल संसाधनों के संरक्षण के लिए प्रेरणा मिलेगी।
उन्होंने सोशल मीडिया पर कहा कि यह हम सभी के लिए गर्व की बात है कि पांचवें राष्ट्रीय जल पुरस्कार में ओडिशा ने पहला स्थान हासिल किया। जल संसाधनों के संरक्षण, जल के समुचित उपयोग, वर्षा जल संचयन और जागरूकता के लिए लोगों के सरकारी प्रयास जारी हैं। यह पुरस्कार आने वाले दिनों में सभी को जल संसाधनों के संरक्षण के लिए प्रेरित करेगा। आइये हम सब मिलकर प्रदेश में जल संसाधनों के संरक्षण और जल के समुचित उपयोग के लिए कार्य करें।