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ओडिशा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का होगा पुनर्गठन

  • आपदा जोखिम में कमी और लचीलापन पर होगा फोकस

  • ओडिशा सरकार आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की संरचना को मजबूत करने की तैयारी में

भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार ने ओडिशा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ओएसडीएमए) का पुनर्गठन करने का फैसला किया है। इसे 25 साल पहले 1999 की भीषण सुपर साइक्लोन के बाद स्थापित किया गया था। अब तक आपदा की तैयारी और आपदा प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करने वाला ओएसडीएमए, अब आपदा जोखिम में कमी और लचीलापन पर जोर देगा।

राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी एक अधिसूचना के अनुसार, बदलते परिदृश्य को देखते हुए ओएसडीएमए की संरचना को राष्ट्रीय ढांचों और दिशानिर्देशों के अनुसार मजबूत करना आवश्यक हो गया है। वर्तमान वैश्विक नीतियां आपदा जोखिम प्रबंधन और जलवायु परिवर्तन के बीच तालमेल पर जोर देती हैं। बदलते परिदृश्यों में ओएसडीएमए की संगठनात्मक संरचना को मजबूत करना और अपनी क्षमता का निर्माण करना महत्वपूर्ण है, ताकि हम आपदा न्यूनीकरण, तैयारी, प्रतिक्रिया और पुनर्निर्माण से आगे बढ़कर आपदा जोखिम में कमी और लचीलापन पर ध्यान केंद्रित कर सकें।

देश का पहला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण
ओडिशा, भारत का पहला राज्य था, जिसने एक आपदा प्रबंधन प्राधिकरण स्थापित किया। यह प्राधिकरण 2005 में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) की स्थापना से छह साल पहले ही बनाया गया था। एनडीएमए की स्थापना भारतीय महासागर सुनामी के बाद की गई थी, जिसमें 25,000 से अधिक लोगों की जान चली गई थी।

तैयारी और क्षमता निर्माण में महत्वपूर्ण कार्य किया

ओएसडीएमए ने पिछले वर्षों में आपदा तैयारी और क्षमता निर्माण में महत्वपूर्ण कार्य किया है। हालांकि, एजेंसी आपदाओं के बाद की प्रतिक्रिया में और बुनियादी ढांचे तथा कृषि, मत्स्यपालन, और पशुपालन जैसे प्राथमिक क्षेत्रों को होने वाले बड़े पैमाने पर नुकसान को रोकने में विफल रही है।

चार डिवीजनों में होगा विभाजन
बताया गया है कि ओएसडीएमए अब चार डिवीजनों, सामान्य, क्षमता निर्माण, परियोजना एवं तकनीकी और वित्त में विभाजित होगा। प्रत्येक डिवीजन का नेतृत्व एक कार्यकारी निदेशक करेगा।

  • कार्यकारी निदेशक (सामान्य) और कार्यकारी निदेशक (क्षमता निर्माण) का पद आईएएस या ओएएस रैंक के अधिकारियों द्वारा भरा जाएगा।
  • कार्यकारी निदेशक (परियोजना एवं तकनीकी) के पद पर ओडिशा सरकार के इंजीनियरिंग विभागों से या भारत सरकार के टेलीकॉम विभाग से प्रतिनियुक्ति पर अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी।
  • कार्यकारी निदेशक (वित्त) का पद ओएफएस (एसएस/एसएजी) रैंक के अधिकारियों द्वारा भरा जाएगा। यदि ओएफएस (एसजी) कैडर के अधिकारी को नियुक्त किया जाता है, तो उन्हें वित्त और लेखा के मुख्य महाप्रबंधक के रूप में नामित किया जाएगा।

37 नए पदों का सृजन

खबर है कि ओएसडीएमए में कुल 102 कर्मचारियों के पद हैं, जिनमें से 10 पदों को समाप्त कर दिया गया है और 37 नए पदों का सृजन किया गया है ताकि बदलती परिस्थितियों का सामना किया जा सके।

नए ढांचे से बेहतर प्रबंधन की उम्मीद
ओएसडीएमए के पुनर्गठन से उम्मीद है कि यह न केवल आपदाओं से निपटने में बेहतर होगा, बल्कि आपदाओं के जोखिम को कम करने और राज्य की आपदा प्रबंधन प्रणाली को अधिक लचीला बनाने में भी अहम भूमिका निभाएगा।

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