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भरतपुर थाना मामले में न्यायिक आयोग ने हलफनामे मांगे

  • आयोग ने अधिसूचना जारी की

  • शिकायतकर्ता, पुलिस और आम जनता समेत अन्य हितधारकों से खुले हलफनामे आमंत्रित

भुवनेश्वर। भुवनेश्वर स्थित भरतपुर थाना मामले की जांच कर रहे न्यायिक आयोग ने अधिसूचना जारी की है और मामले से संबंधित हलफनामे आमंत्रित किए हैं। जांच आयोग ने शिकायतकर्ता, पुलिस और आम जनता समेत अन्य हितधारकों से खुले हलफनामे आमंत्रित किए हैं, ताकि घटना के बारे में जानकारी और सुराग जुटाए जा सकें।

ओडिशा और कोलकाता उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) चित्तरंजन दाश की अध्यक्षता में गठित आयोग ने सोमवार को जांच प्रक्रिया शुरू की थी। आयोग का कार्य भुवनेश्वर के विशेष सर्किट हाउस में चल रहा है और अब आयोग ने आवश्यक अधिसूचना जारी कर विभिन्न पक्षों से हलफनामे आमंत्रित किए हैं।

राज्य सरकार ने पहले ही आयोग के लिए संदर्भ शर्तें प्रदान कर दी थीं। इस कथित कस्टडी हमले की घटना ने पूरे देश में आक्रोश उत्पन्न किया था, जिसके बाद मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने न्यायमूर्ति चित्तरंजन दाश की अध्यक्षता में एक न्यायिक जांच आयोग का गठन करने का आदेश दिया था। आयोग को अपनी रिपोर्ट 60 दिनों के भीतर सौंपने के लिए कहा गया है।

क्राइम ब्रांच की जांच भी जारी

इसके अतिरिक्त, घटना की जांच कर रही क्राइम ब्रांच की जांच भी जारी है। सेना अधिकारी और उनकी मंगेतर ने 15 सितंबर को सड़क पर गुंडागर्दी की शिकायत दर्ज कराने के लिए भरतपुर थाने का रुख किया था, जिसमें कथित तौर पर कुछ स्थानीय युवकों ने उन्हें परेशान किया था। इस दौरान आरोप है कि पुलिस स्टेशन में दंपति और कुछ पुलिसकर्मियों के बीच विवाद हो गया, जिसके बाद अधिकारी और उनकी मंगेतर के साथ पुलिस स्टेशन में कथित तौर पर मारपीट की गई। महिला के साथ पुलिसकर्मियों द्वारा यौन शोषण का भी आरोप है।

आरोप है कि महिला को पुलिस स्टेशन के अंदर कथित रूप से पीटा गया, दुर्व्यवहार किया गया और आपत्तिजनक स्थिति में दिखाया गया। खुद को बचाने के लिए महिला ने एक पुलिसकर्मी को काटा भी था। इसके बाद महिला को हंगामा करने और महिला पुलिसकर्मी पर हमला करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

पीड़ित महिला को मिल चुकी है जमानत

पीड़ित महिला को 18 सितंबर को ओडिशा उच्च न्यायालय से जमानत मिली, जिसके बाद उसने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अपनी व्यथा सुनाई।

आरोपियों की हो रहा है पॉलीग्राफ परीक्षण

देशव्यापी आक्रोश के बीच डीजीपी ने क्राइम ब्रांच से जांच कराने का निर्देश दिया और भरतपुर पुलिस स्टेशन के पांच कर्मियों को गंभीर कदाचार के आरोप में निलंबित कर दिया। इन पांच निलंबित पुलिसकर्मियों को पॉलीग्राफ परीक्षण के लिए गुजरात ले जाया गया है।

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