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वैंकेया नायडू, मोहन माझी और हेमन्त बिस्व सरमा की भेंट को लेकर साधा निशाना
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रघुवर दास पर झारखंड चुनाव लड़ने की तैयारी का आरोप
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कहा-झारखंड चुनाव के लिए युद्ध कक्ष में बदला ओडिशा का राजभवन
भुवनेश्वर। देश के पूर्व उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू के ओडिशा प्रवास के दौरान राजभवन में ठहरने को लेकर बीजद ने राजनीति शुरू कर दी है। राज्य में प्रमुख विपक्षी दल की भूमिका निर्वहन कर रही बीजू जनता दल ने एम वेंकैया नायडू, ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी और असम के मुख्यमंत्री हेमन्त बिस्व सरमा के साथ राज्यपाल रघुवर दास की भेंट को लेकर निशाना साधा है।
बीते 27 सितंबर को पूर्व उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू ने राजभवन में राज्यपाल रघुवर दास से मुलाकात की थी। राज्यपाल ने मिलने की जानकारी उन्होंने स्वयं सोशल मीडिया पर थी। वैंकेया नायडू एशियन स्कूल ऑफ बिजनेस मैनजमेंट के दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने आये थे, तो प्रोटोकॉल के अनुसार पूर्व उपराष्ट्रपति को राजभवन में ठहरने की व्यवस्था होती है और उनका स्वागत करना राजभवन की जिम्मेदारी होती है।
राज्य में पूर्व उपराष्ट्रपति के दौरे को देखते हुए राज्य मुख्यमंत्री मोहन माझी भी उनसे मिलने के लिए राजभवन पहुंच गए। इत्फेका से इसी दौरान असम के मुख्यमंत्री हेमन्त बिस्वा सरमा भी शिष्टाचार भेंट के लिए राजभवन आये थे। एक साथ तीनों वरिष्ठ नेताओं की मुलाकात को लेकर अब विपक्ष ने राजनीति शुरू कर दी है।
युद्ध कक्ष में बदला राजभवन – बीजद
इन तीनों नेताओं के एक साथ मिलने को लेकर बीजद ने राज्यपाल पर ही निशाना साधा है। बीजद ने ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने ओडिशा राजभवन को झारखंड चुनावों की तैयारी के लिए युद्ध कक्ष में बदल दिया है। बीजद के राज्यसभा सांसद सस्मित पात्र और सुलता देव ने कहा कि राज्यपाल झारखंड में चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं और राजभवन अब एक राजनीतिक केंद्र बन गया है।
सांसद सस्मित पात्र ने भी गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि राज्यपाल या ओडिशा सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या राजभवन एक राजनीतिक केंद्र बन गया है? क्या राज्यपाल झारखंड के मुख्यमंत्री पद की दौड़ में हैं? इसके लिए वे राजभवन की गरिमा को नुकसान पहुंचा रहे हैं। शीर्ष भाजपा नेताओं की राजभवन में हुई मुलाकातें व्यक्तिगत थीं या राजनीतिक, इसे भी स्पष्ट किया जाना चाहिए और मेरा आखिरी सवाल यह है कि मुख्यमंत्री मोहन माझी, जिन्होंने कहा था कि कानून अपना काम करेगा, राज्यपाल के बेटे के खिलाफ कार्रवाई कब करेंगे?
माझी के झारखंड में प्रचार करने पर सवाल उठाये
सुलता देव ने तीखा हमला करते हुए कहा कि राजभवन राजनीति से ऊपर होना चाहिए, लेकिन हाल के दिनों में यह महसूस किया जा सकता है कि राजभवन अब एक आभासी राजनीतिक अड्डा बन गया है। चुनावों के बाद असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने राजभवन का दौरा किया था। उन्होंने तब इसे निजी यात्रा बताया था, लेकिन जब मोहन माझी झारखंड में प्रचार करने गए, तो असली मकसद समझ में आया।
आंतरिक कलह से ध्यान भटका रही बीजद – भाजपा
बीजद के इन बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के राज्य प्रवक्ता दिलीप मल्लिक ने कहा कि 24 साल तक राज्य में शासन करने के बाद सत्ता से बाहर रहने को वे पचा नहीं पा रहे हैं। उनके अंदर भी आंतरिक कलह है। इस कलह से ध्यान भटकाने के लिए वे अब राजभवन पर पत्थर फेंकने लगे हैं। अगर किसी अन्य राज्य का मुख्यमंत्री राज्यपाल से मिलता है, तो यह या तो शिष्टाचार मुलाकात हो सकती है या व्यक्तिगत कारण। यह उनके सामाजिक जीवन का हिस्सा है। अगर बीजद इसे मुद्दा बना रही है, तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है।
गंदी राजनीति का अखाड़ा न बनाए विपक्ष – सज्जन शर्मा
इधर, भाजपा के वरिष्ठ प्रवक्ता सज्जन शर्मा ने बीजद पर कड़ा हमला बोलते हुए कहा कि ओडिशा में विपक्षी दलों को राजभवन को लेकर गंदी राजनीति नहीं करनी चाहिए। विपक्ष को इसे अखाड़ा बनाने से बाज आना चाहिए। उन्होंने कहा कि संवैधानिक पदों पर आसीन व्यक्तियों के ओडिशा आगमन पर प्रोटोकॉल के अनुसार स्वागत करना राजभवन का कर्त्वय है। बीजद की पीड़ा यह है कि पहले जो यहां आता था, वह नवीन पटनायक उनके घर मिलता था। अब उनके पास कोई जाता नहीं है। इसलिए यह पीड़ा उन्हें सता रही है।