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भाजपा ने भद्रक पर नवीन पटनायक की टिप्पणी की निंदा की

  • कंधमाल दंगों के दौरान मुख्यमंत्री कौन था – अनिल

भुवनेश्वर। ओडिशा भाजपा ने भद्रक में सांप्रदायिक स्थिति पर पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता नवीन पटनायक की टिप्पणियों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा ने आश्चर्य व्यक्त किया कि पटनायक अपनी हार के बाद बीजद कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए राज्य में अशांति भड़काने का प्रयास कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि सोमवार को भुवनेश्वर में पार्टी कार्यालय शंख भवन में बीजद प्रमुख और विपक्ष के नेता नवीन पटनायक ने भद्रक और सोनपुर जिलों के पार्टी पदाधिकारियों को संबोधित किया। उन्होंने कहा था कि भाजपा सरकार के शासन के महज तीन महीनों के भीतर चार बार सांप्रदायिक तनाव से राज्य की छवि को नुकसान पहुंचा है।

उन्होंने कहा था कि जब से भाजपा सत्ता में आई है, हमने राज्य के विभिन्न हिस्सों में सांप्रदायिक तनाव देखा है। पहले बालेश्वर में, उसके बाद खुर्दा, धामनगर और भद्रक में। नवीन पटनायक ने कहा कि इस जारी अशांति ने भाजपा सरकार की कार्यकुशलता पर सवाल खड़े कर दिए हैं और राज्य की प्रतिष्ठा को धूमिल किया है।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्य प्रवक्ता अनिल बिस्वाल ने विपक्ष के नेता (एलओपी) और पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की हालिया टिप्पणियों की कड़ी आलोचना की है।

बिस्वाल ने बताया कि पटनायक लगातार 24 वर्षों तक ओडिशा के मुख्यमंत्री रहे और उन्हें कई महत्वपूर्ण सवालों का जवाब देना चाहिए। उन्होंने पूछा कि कंधमाल दंगों के दौरान मुख्यमंत्री कौन था? 2017 में रामनवमी के दौरान भद्रक में हुए दंगों के दौरान कौन उस पद पर था? 2021 में हनुमान जयंती के दौरान संबलपुर में पथराव और दंगों के दौरान कौन सी पार्टी सत्ता में थी? उन्होंने कहा कि नवीन बाबू, जिन्होंने 24 वर्षों तक ओडिशा में अशांति को बढ़ावा दिया, अब अपनी पार्टी के हितों की खातिर सांप्रदायिक बयान दे रहे हैं।

अनिल ने आगे आरोप लगाया कि भद्रक सांप्रदायिक झड़पों में गिरफ्तार किए गए लोगों के साथ बीजद विधायकों की तस्वीरें मौजूद हैं। उन्होंने दावा किया कि आरोपी बीजद के सक्रिय, अग्रणी सदस्य हैं। बिस्वाल ने दावा किया कि नवीन पटनायक ने कंधमाल दंगों के मुख्य साजिशकर्ता को व्यक्तिगत रूप से राज्यसभा का टिकट दिया, जिसके बाद उसे सांसद बनाया गया। बिश्वाल ने कहा कि 2017 में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो ने सांप्रदायिक हिंसा के लिए ओडिशा को देश में तीसरा स्थान दिया। 2022 तक, ब्यूरो के आंकड़ों से पता चला है कि राज्य ने एक ही वर्ष में 15 से अधिक दंगे हुए।

उन्होंने सवाल किया कि क्या यह नवीन बाबू के सुशासन का प्रतिबिंब है? जब ओडिशा में बीजद के एक पूर्व विधायक ने उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक दंगे में फंसे गैंगस्टर राजा खान को संरक्षण दिया, तो नवीन बाबू चुप क्यों रहे।

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