Home / Odisha / नर्सों के काम बंद आंदोलन से स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रतिकूल असर

नर्सों के काम बंद आंदोलन से स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रतिकूल असर

  • राज्य में नर्सिंग अधिकारियों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी

भुवनेश्वर। राज्य में नर्सिंग अधिकारियों की हड़ताल आज दूसरे दिन भी जारी रही। इस कारण राज्य के विभिन्न प्रमुख अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं पर इसका प्रतिकूल असर दिख रहा है और स्वास्थ्य सेवा बाधित हो रही है। खास तौर पर भुवनेश्वर में कैपिटल अस्पताल और कटक में एससीबी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल व अन्य प्रमुख अस्पतालों में इसका प्रभाव देखने को मिल रहा है। ओडिशा नर्सिंग कर्मचारी संघ (ओएनईए) द्वारा आहूत इस काम बंद आंदोलन के परिणाम मरीज और उनके परिवार भुगत रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि यह हड़ताल शुक्रवार को 10 सूत्री मांगों के समर्थन में शुरू हुई, जिसमें संविदा कर्मियों को नियमित करना और आउटसोर्सिंग प्रणाली को खत्म करना शामिल है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, राज्य द्वारा संचालित मेडिकल कॉलेजों, जिला मुख्यालय अस्पतालों और अन्य सुविधाओं से लगभग 15,000 नर्सों के इस आंदोलन में भाग लेने से स्वास्थ्य सेवा प्रणाली एक महत्वपूर्ण संकट का सामना कर रही है।

एमकेसीजी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के शिशु रोग विभाग में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुई हैं। एक परिचारिका ने आरोप लगाया कि यहां बच्चों की मौत की खबरें आई हैं। हम अधिकारियों से मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह करते हैं ताकि नर्सों की हड़ताल जल्द से जल्द खत्म हो। एक अन्य परिचारिका ने कहा कि पहले यहां इंजेक्शन और उपचार दिया जाता था। लेकिन पिछले कुछ दिनों से इसमें बदलाव आया है और तत्काल मदद और अन्य सहायता प्राप्त करने में अत्यधिक देरी के कारण हमें समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

भुवनेश्वर स्थित कैपिटल अस्पताल में नर्सिंग कर्मचारियों की भारी कमी दिख रही है। 181 में से 131 नर्सिंग कर्मचारी हड़ताल पर हैं, जिससे मरीजों की देखभाल के लिए केवल 50 नर्सें ही बची हैं। सूत्रों के अनुसार, इसके परिणामस्वरूप अस्पताल के अधिकारियों को मरीजों को वापस भेजने, गैर-आपातकालीन सर्जरी को स्थगित करने और आपातकालीन मामलों में भर्ती को सीमित करने के लिए मजबूर होना पड़ा है।

नर्सिंग स्टाफ की कमी के मद्देनजर, कैपिटल अस्पताल के अधिकारी मरीजों की देखभाल के लिए फार्मासिस्ट और प्रशिक्षु नर्सों पर निर्भर हैं।

संबलपुर सदर अस्पताल में भी यही नजारा देखने को मिल रहा है। वैकल्पिक उपाय के तौर पर प्रशासन ने मरीजों को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के लिए नर्सिंग छात्रों और फार्मासिस्टों को तैनात किया है। इससे पहले नर्सिंग अधिकारी आपातकालीन सेवाएं दे रहे थे। हालांकि, उन्होंने आज से पूरी तरह काम बंद आंदोलन का सहारा लिया है।

संबलपुर में एक आंदोलनकारी ने कहा है कि हम क्या कर सकते हैं, क्योंकि सरकार हमारी मांगों को पूरा नहीं कर रही है? हालांकि स्वास्थ्य मंत्री ने अपील की है, लेकिन हम अपनी मांगों के बारे में कुछ लिखित आश्वासन चाहते हैं। जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होतीं, हम अपना आंदोलन जारी रखेंगे।

ओडिशा नर्सिंग कर्मचारी संघ की मांगें

ओडिशा नर्सिंग कर्मचारी संघ (ओएनईए) अपनी 10 सूत्री मांगों को पूरा करने की मांग कर रहा है, जिसमें संविदा कर्मियों को नियमित करना और आउटसोर्सिंग को खत्म करना शामिल है। उनकी मांगों में छूटे हुए संविदा नर्सिंग अधिकारियों को नियमित करना, वेतन समानता, पदोन्नति और अन्य राज्य सरकार के कर्मचारियों के समान अन्य लाभ शामिल हैं। इससे पहले गुरुवार को ओडिशा सरकार ने ओडिशा नर्सिंग कर्मचारी संघ की मांगों का समाधान खोजने के लिए एक अंतर-विभागीय समिति गठित करने का फैसला किया था।

Share this news

About desk

Check Also

खतरनाक स्क्रब टाइफस ने ओडिशा में पसारे पांव

कटक के निआली में महिमा आश्रम के संत प्रभाकर दास की स्क्रब टाइफस से हुई …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *