कोरापुट। ओडिशा केंद्रीय विश्वविद्यालय ने एक भावपूर्ण विदाई समारोह में सह प्राध्यापक एवं ओड़िया भाषा एवं साहित्य विभाग की प्रमुख डॉ रुद्राणी मोहंती को सम्मानित किया। इस समारोह में प्रमाण पत्र, प्रशस्ति पत्र और उपहार प्रदान किए गए, जो डॉ मोहंती की विश्वविद्यालय के प्रति वर्षों की सेवा और समर्पण को नमस्कार था।
कल शाम आयोजित विदाई समारोह की अध्यक्षता माननीय कुलपति प्रो चक्रधर त्रिपाठी ने की। उनके साथ मंच पर विश्वविद्यालय के प्रमुख अधिकारी शामिल हुए, जिनमें प्रो नरसिंह चरण पंडा प्रभारी कुलसचिव सह अधिष्ठाता भाषा संकाय, प्रो शरत कुमार पलिता अधिष्ठाता, जैव विविधता और प्राकृतिक संसाधन संरक्षण संकाय, विशेष कार्य अधिकारी प्रशासन मदन मोहन पात्र एवं डॉ रुद्राणी मोहंती शामिल थे। संकाय सदस्य और कर्मचारी डॉ मोहंती के विश्वविद्यालय में उल्लेखनीय योगदान और ओडिया विभाग में उनके नेतृत्व के लिए अपनी प्रशंसा व्यक्त करने के लिए एकत्र हुए।
अपने संबोधन में कुलपति प्रो त्रिपाठी ने डॉ मोहंती की प्रशंसा करते हुए उन्हें लचीलापन और दृढ़ता का प्रतीक बताया और उन्हें कोरापुट की बंजर पहाड़ियों में खिलने वाला फूल बताया। उन्होंने कहा कि उनका प्रभाव विश्वविद्यालय और ओडिया विभाग से परे है, जो ओडिशा के पूरे क्षेत्र को समृद्ध कर रहा है। प्रो त्रिपाठी ने दूसरों को उनके समर्पण का अनुकरण करने के लिए प्रोत्साहित किया, जिसे उन्होंने संस्थान के निरंतर विकास और प्रतिष्ठा के लिए आवश्यक बताया।
ओडिया विभाग में वरिष्ठ सहायक प्रोफेसर डॉ आलोक बराल ने स्वागत भाषण दिया, जबकि सहायक प्रोफेसर डॉ गणेश प्रसाद साहू ने कार्यक्रम के संचालक के रूप में कार्य किया। डॉ रघुनाथ ओझा ने डॉ मोहंती के सम्मान में प्रशस्ति पत्र प्रदान किया।
जवाब में, डॉ मोहंती ने एक भावुक भाषण में अपना हार्दिक आभार व्यक्त किया। उन्होंने विश्वविद्यालय के शुरुआती दिनों में अपने सामने आई चुनौतियों और शैक्षणिक कार्यक्रमों और छात्र मामलों का प्रबंधन करते हुए उनसे निपटने के तरीके पर विचार किया। उन्होंने विश्वविद्यालय समुदाय से संस्थान को वैश्विक स्तर पर प्रसिद्धि दिलाने के लिए एकजुट होने का आग्रह किया।
ओड़िया संकाय के डॉ सत्य सारंगी ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। जनसंपर्क अधिकारी डॉ फगुनाथ भोई ने बताया कि इस कार्यक्रम में संकाय और कर्मचारियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, जिनमें डॉ प्रदोष कुमार स्वाईं, डॉ जयंत कुमार नायक, डॉ काकली बनर्जी, डॉ प्रदोष कुमार रथ, प्रो भरत कुमार पंडा, डॉ सौरव गुप्ता, डॉ प्रसेनजीत सिन्हा, मानस कुमार दास और प्रदीप कुमार सामंतराय ने अपनी बात रखी।