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आपत्तिजनक सोशल मीडिया पोस्ट के बाद प्रदर्शन के दौरान हुई थी हिंसा
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पथराव में कई अधिकारी भी हुए थे घायल
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प्रशासन ने 48 घंटे के लिए इंटरनेट सेवाओं पर लगाई रोक
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पुलिस बल तैनात, अब तक नौ हिरासत में
भद्रक। जिले में सांप्रदायिक तनाव की स्थिति को देखते हुए शनिवार को प्रशासन ने 48 घंटे के लिए इंटरनेट सेवाओं पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। यह कदम शुक्रवार को एक आपत्तिजनक सोशल मीडिया पोस्ट के बाद उपजे तनाव के मद्देनजर उठाया गया है। प्रशासन का कहना है कि व्हाट्सएप, फेसबुक, एक्स (पूर्व में ट्विटर) जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काने में सक्षम हैं, जिससे जिले में शांति व्यवस्था भंग हो सकती है।
अपर मुख्य सचिव का आदेश
ओडिशा के गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव सत्यब्रत साहू ने इस संबंध में एक आधिकारिक पत्र जारी किया है। पत्र में उन्होंने कहा है कि व्हाट्सएप, फेसबुक, एक्स जैसे मैसेजिंग प्लेटफार्मों के माध्यम से भड़काऊ और प्रेरित संदेशों का प्रसार सार्वजनिक व्यवस्था को बाधित कर सकता है। इसलिए भद्रक जिले में शांति और सद्भाव बहाल करने के लिए इन सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के उपयोग और इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध लगाया गया है।
प्रशासन की कड़ी कार्रवाई
घटना के संबंध में पुलिस ने अब तक नौ लोगों को हिरासत में लिया है। पुलिस ने इलाके में किसी भी तरह की सभा, प्रदर्शन या आंदोलन पर सख्त प्रतिबंध लगाया है। किसी भी तरह की भीड़ या प्रदर्शन पर सख्ती से नजर रखी जा रही है और प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि किसी भी तरह के उल्लंघन को गंभीरता से लिया जाएगा।
धारा 163 लागू और पुलिस बल की तैनाती
धामनगर नगर पंचायत और आसपास के क्षेत्रों में धारा 163 के तहत प्रतिबंध लागू कर दिया गया है। प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए पुराना बाजार में 10 प्लाटून पुलिस बल तैनात किया है, जबकि धामनगर एनएसी और दोबाल गांव में 4 प्लाटून पुलिस बल तैनात किए गए हैं।
पुलिस अधिकारियों पर हमला
रिपोर्ट्स के मुताबिक, शुक्रवार को देर शाम को इस सांप्रदायिक तनाव के दौरान तीन वरिष्ठ पुलिस अधिकारी गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। भद्रक टाउन के एसआई, आईआईसी और सिटी डीएसपी पर पथराव किया गया, जिससे उन्हें गंभीर चोटें आईं। घायल पुलिस अधिकारियों में भद्रक टाउन एसआई रोजेन मुर्मू, आईआईसी अजय सुदर्शन बागे और सिटी डीएसपी अंशुमान द्विवेदी शामिल हैं। मुर्मू को सिर में गंभीर चोटें आईं और उन्हें तत्काल पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसके अलावा, भद्रक तहसीलदार के वाहन को भी इस हिंसा में क्षति पहुंची है।
पथराव और लाठीचार्ज
घटना के बाद तनाव तब बढ़ा जब एक समूह ने फेसबुक पर आपत्तिजनक पोस्ट को लेकर सड़क पर टायर जलाकर प्रदर्शन किया और आरोपी की गिरफ्तारी की मांग की। पुलिस द्वारा उन्हें शांत कराने की कोशिश करने पर मामला और बिगड़ गया और प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। जवाबी कार्रवाई में पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा, जिससे प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर किया गया।
दंगों के बाद पुलिस का फ्लैग मार्च
पूर्वी रेंज के डीआईजी सत्यजीत नायक ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यह घटना एक आपत्तिजनक सोशल मीडिया पोस्ट के कारण हुई, जो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। पुलिस और जिला प्रशासन पूरी तरह से सतर्क हैं और हालात पर काबू पाने के लिए 10 प्लाटून पुलिस बल फ्लैग मार्च कर रही है। किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा और कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
शांति बहाली की कोशिशें जारी
डीआईजी ने कहा कि आज रात में गश्त जारी रहेगी और सभी प्रमुख चौकों पर पुलिस की पेट्रोलिंग वैन तैनात कर दी गई हैं। धार्मिक नेताओं के साथ शांति समिति की बैठकें हो रही हैं। मैं दोनों समुदायों से अपील करता हूं कि वे शांति बनाए रखें और अफवाहों पर विश्वास न करें।
उन्होंने आगे कहा कि साइबर क्राइम सेल इस बात का पता लगाने में जुटी है कि आपत्तिजनक पोस्ट किसने किया था। प्रशासन के सभी अधिकारी और पुलिस बल घटना की पूरी निगरानी कर रहे हैं और शांति बहाल करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।