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जिलाधिकारियों के सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने किया पुलिस अधिकारी द्वारा किए गए दुर्व्यवहार का खुलासा
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कहा-आईआईसी ने मुझसे कहा था बाहर निकल जाओ, अब मैंने उसे माफ कर दिया
भुवनेश्वर। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने शुक्रवार को वादा किया कि पुरानी प्रथाओं को समाप्त किया जायेगा। भुवनेश्वर में कलेक्टरों की कॉन्फ्रेंस के दौरान एक पुराने विवाद का जिक्र करते हुए बताया कि कैसे एक पुलिस अधिकारी ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया था। घटना केंदुझर की है और यह 2024 चुनावों से कुछ महीने पहले की है, जब मुख्यमंत्री ने एक सार्वजनिक मुद्दे के समाधान के लिए पुलिस स्टेशन का दौरा किया था।
मुख्यमंत्री माझी ने घटना को याद करते हुए कहा कि मुझे सूचना मिली थी कि स्थानीय लोगों ने पीने के पानी की समस्या को लेकर एनएच-20 पर जाम लगा दिया है। स्थिति को समझने के लिए मैं पुलिस स्टेशन पहुंचा, लेकिन वहां के आईआईसी (इंस्पेक्टर-इन-चार्ज) ने मुझसे चिल्लाकर कहा बाहर निकल जाओ। उस समय मैंने धैर्य रखा, लेकिन यह सोचने पर मजबूर हो गया कि किसके दबाव में अधिकारी ऐसा बोल रहे थे। क्या एक जनप्रतिनिधि को पुलिस स्टेशन जाने का अधिकार नहीं है?
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि यह घटना भाजपा द्वारा राज्य में सरकार बनाने से एक महीने पहले की है। उन्होंने कहा कि भगवान जगन्नाथ की कृपा से मैं मुख्यमंत्री बना और मैंने उस अधिकारी को माफ कर दिया, क्योंकि मुझे यकीन है कि उसने किसी दबाव में आकर ऐसा कहा था।
थानों में बेहतर व्यवहार की आवश्यकता
मुख्यमंत्री माझी ने पुलिस थानों में जनता के साथ बेहतर व्यवहार की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि जब भी कोई आम व्यक्ति पुलिस स्टेशन जाए, उसे उचित सम्मान और सहयोग मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो पुरानी सरकार की प्रथाएं थीं, अब वे नहीं चलेंगी। जनता को पुलिस स्टेशनों में न्याय और सम्मान मिलना चाहिए।
खनिज तस्करी और अवैध शराब बिक्री पर जीरो टॉलरेंस नीति
इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने अवैध खनिज तस्करी और शराब की अवैध बिक्री पर सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति को दोहराया। उन्होंने कहा कि सभी संबंधित अधिकारियों को इन अवैध गतिविधियों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के अधिकारियों को अपने अधीनस्थ कर्मचारियों का समर्थन करना चाहिए और हर स्तर पर न्याय और पारदर्शिता सुनिश्चित करनी चाहिए।
छोटे किसानों की आय बढ़ाने पर जोर
मुख्यमंत्री ने किसानों के मुद्दों पर भी बात करते हुए कहा कि राज्य के 92 प्रतिशत किसान छोटे और सीमांत हैं, जिनकी आय बढ़ाने के लिए पोल्ट्री और अन्य कृषि से संबंधित गतिविधियों को प्रोत्साहित करने की जरूरत है। उन्होंने विभागों के बीच बेहतर समन्वय की आवश्यकता पर जोर दिया और कलेक्टरों से आग्रह किया कि वे फील्ड विजिट कर योजनाओं की प्रगति का निरीक्षण करें, खासकर स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों, पुलिस थानों और अस्पतालों में।
उन्होंने कहा कि अधिकारियों को अपने कर्तव्यों का निर्वहन पूरी निष्ठा और ईमानदारी से करना चाहिए ताकि प्रदेश में जनता को सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ मिल सके और किसी भी प्रकार की अव्यवस्था को समाप्त किया जा सके।