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ओडिशा में बाढ़ की स्थिति गंभीर, 23,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया

  • बालेश्वर में सुवर्णरेखा नदी का जलस्तर खतरनाक

  • सरकार ने बचाव और राहत अभियान तेज किया

भुवनेश्वर/बालेश्वर। ओडिशा में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है, जिससे कई क्षेत्रों में जलभराव हो गया है। इस बीच, राज्य सरकार ने राहत और बचाव कार्य तेज कर दिया है और करीब 23,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

सरकारी सूत्रों के अनुसार, बालेश्वर जिले में स्थिति सबसे ज्यादा चिंताजनक है, जहां सुवर्णरेखा नदी खतरे के निशान 10.36 मीटर से ऊपर बह रही है। राजघाट के पास नदी का जलस्तर 10.80 मीटर तक पहुंच गया है, हालांकि जलस्तर धीरे-धीरे कम हो रहा है।

बालेश्वर में बाढ़ से 35,654 लोग प्रभावित हुए हैं, जबकि राहत और बचाव दलों ने 21,076 से अधिक लोगों को जलमग्न क्षेत्रों से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है।

यह जानकारी विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) कार्यालय द्वारा दी गई। बताया गया है कि जिले के बालीपाल, जलेश्वर और भोगराई ब्लॉकों में हजारों हेक्टेयर कृषि भूमि बाढ़ के पानी में डूबी हुई है। गांवों में बाढ़ का पानी घुसने से यातायात और जनसंपर्क बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। जल संसाधन विभाग ने नदी के तटबंधों की मरम्मत के लिए युद्धस्तर पर कदम उठाए हैं।

जलाका नदी खतरे के निशान से नीचे

हालांकि, लोगों के लिए कुछ राहत की खबर यह है कि जलाका नदी अब खतरे के निशान से नीचे बह रही है, हालांकि यह अभी भी चेतावनी स्तर से ऊपर है।

मयूरभंज जिले में 2,035 लोग प्रभावित

मयूरभंज जिले में बाढ़ से 2,035 लोग प्रभावित हुए हैं, जबकि 1,603 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है। सुवर्णरेखा नदी बेसिन के साथ 2,000 से अधिक लोगों को बाढ़ राहत केंद्रों में शरण दी गई है। प्रशासन जरूरतमंद लोगों को सूखा और पका हुआ भोजन उपलब्ध करा रहा है।

बालेश्वर में 22 ब्लॉक बाढ़ से प्रभावित

बालेश्वर जिले के 22 ब्लॉक बाढ़ से प्रभावित हुए हैं, जहां 4 राहत केंद्र स्थापित किए गए हैं और 334 घरों को नुकसान पहुंचा है। केंदुझर में पांच ब्लॉक प्रभावित हैं, जबकि सुंदरगढ़ का एक ब्लॉक बाढ़ की चपेट में है।  बचाव और राहत कार्यों के लिए बालेश्वर में एनडीआरएफ, ओडीआरएएफ और फायर सर्विस की 21 टीमें तैनात की गई हैं, जबकि मयूरभंज में 15 टीमें और भद्रक में एक टीम भेजी गई है।

बाढ़ से स्थिति दिन-ब-दिन खराब

कहा जा रहा है कि बालेश्वर जिले में बाढ़ से स्थिति दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है। जल स्तर घटने के बावजूद कई बड़े इलाके अब भी पानी में डूबे हुए हैं। अधिकांश गांवों में पानी भरा होने से लोगों को पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है। इसके साथ ही गांवों का बाहरी दुनिया से संपर्क टूट गया है, और पशु भुखमरी के शिकार हो रहे हैं।

गलूडीही बैराज के गेट खोले

जानकारी के अनुसार, झारखंड के चांडिली बांध में स्थित गलूडीही बैराज के गेट खोले जाने और भारी बारिश के चलते स्थिति और खराब हो गई है। करीब 3,000 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र, जिसमें चार ब्लॉक शामिल हैं, जलमग्न हो गया है। विशेष रूप से जलेश्वर ब्लॉक में हजारों लोग बाढ़ की चपेट में आ गए हैं, जो अब अपने चौथे दिन में प्रवेश कर चुकी है।

कई मुख्य मार्ग अभी भी जलमग्न

बताया गया है कि भोगराई पंचायत के कुसुदा गांव में भोगराई और कामरदा को जोड़ने वाला मुख्य मार्ग अभी भी जलमग्न है, जिससे प्रभावित क्षेत्रों का संपर्क टूट गया है। हालांकि जल स्तर खतरे के निशान से नीचे आ गया है, लेकिन लोगों की परेशानियां खत्म नहीं हुई हैं।

सुबह खुल रहे हैं बाजार

बालेश्वर के बाढ़ प्रभावित इलाकों में स्थानीय बाजार सुबह खुल रहे हैं और लोग आलू, प्याज और बिस्किट जैसी आवश्यक चीजें खरीद रहे हैं। लेकिन सबसे बड़ी समस्या पीने के पानी की है, क्योंकि कई बोरवेल पानी में डूब गए हैं। यह विडंबना है कि लोग बाढ़ के पानी से घिरे हैं, लेकिन उन्हें सुरक्षित पेयजल नहीं मिल पा रहा है।

सबसे ज्यादा पीड़ा पशुओं को

सबसे ज्यादा पीड़ा पशुओं को हो रही है, जो पिछले चार दिनों से भूखे हैं और सिर्फ पानी पीकर जी रहे हैं। खेत और धान की फसलें पूरी तरह से पानी में डूब चुकी हैं और नष्ट हो गई हैं। कुछ प्रभावित क्षेत्रों में सामान्य स्थिति बहाल होने में 15 दिन से अधिक का समय लग सकता है।

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