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ओडिशा कैबिनेट ने पूर्व अग्निवीरों के लिए 10% आरक्षण को दी मंजूरी

  •  दो अन्य प्रस्तावों को भी हरी झंडी

भुवनेश्वर। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी के नेतृत्व वाली ओडिशा कैबिनेट ने गुरुवार को राज्य की वर्दी सेवाओं में अग्निवीरों के लिए 10% आरक्षण को मंजूरी दे दी है। पूर्व अग्निवीरों के लिए पुलिस, वन रक्षक, अग्निशमन सेवा और आबकारी शुल्क विभाग में रिक्तियों का 10% आवंटित आरक्षण देने संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इसके साथ-साथ दो अन्य प्रस्तावों को भी मंजूरी प्रदान की गई है। कैबिनेट की बैठक के बाद लोकसेवा भवन में राज्य के मुख्य सचिव मनोज आहूजा ने इन निर्णयों के बारे में जानकारी दी।

मुख्य सचिव मनोज आहूजा बताया कि प्रस्तावित नियम का उद्देश्य राज्य के सभी समूह ‘सी’ और ‘डी’ पदों को कवर करते हुए समान सेवाओं में पूर्व-अग्निवीरों को नौकरी के अवसर प्रदान करना है। यह 10% आरक्षण पूर्व सैनिकों के लिए मौजूदा आरक्षण लाभों के अतिरिक्त प्रदान किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि अग्निवीर चार साल तक सेना में सेवा करते हैं। उनके पास सभी आवश्यक प्रशिक्षण होता है। चार साल पूरे होने के बाद कुछ पात्र लोगों को ही एक्सटेंशन दिया जाता है, लेकिन अब ओडिशा इन अग्निवीरों को समान सेवाओं में 10% आरक्षण प्रदान करेगा।

उन्होंने कहा कि ओडिशा में पुलिस में कार्य करने के लिए पात्र होने के लिए अग्निवीरों को अग्निवीर प्रमाणपत्र प्राप्त होने की तारीख तक संबंधित पदों के लिए भर्ती नियमों में निर्दिष्ट न्यूनतम योग्यताएं पूरी करनी होंगी। हालांकि, उन्हें शारीरिक दक्षता परीक्षा से छूट दी जाएगी और ऊपरी आयु सीमा में तीन साल की छूट मिलेगी, जिससे उन्हें रोजगार के लिए अधिक सुलभ मार्ग मिलेगा।

गोपालपुर पोर्ट होगा सभी मौसम के लिए उपयुक्त बंदरगाह

ओडिशा कैबिनेट ने बिल्ड ऑन ऑपरेट शेयर ट्रांसफर मोड में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के माध्यम से गोपालपुर पोर्ट को गहरे समुद्र में, सभी मौसम के लिए उपयुक्त बंदरगाह के रूप में विकसित करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है। मौजूदा डेवलपर, गोपालपुर पोर्ट्स लिमिटेड, ओडिशा स्टीवडोर्स लिमिटेड, नोबल ग्रुप लिमिटेड और सारा इंटरनेशनल लिमिटेड का एक संघ, अपने 95% इक्विटी शेयर अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड (एपीएसईजेड) को हस्तांतरित करेगा। गोपालपुर पोर्ट्स लिमिटेड के विकास और विस्तार के लिए संशोधित रियायत समझौते पर हस्ताक्षर करने की अनुमति के साथ, शापूरजी पालोनजी पोर्ट मेंटेनेंस प्राइवेट लिमिटेड (56%) और उड़ीसा स्टीवडोर्स लिमिटेड (39%) से हस्तांतरण को कैबिनेट द्वारा मंजूरी दे दी गई।

अविवाहित बेटियों को अनुकंपा के आधार पर मिलेगी नियुक्त

ओडिशा कैबिनेट ने पुनर्वास सहायता योजना के लिए नए नियम पेश करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है, जिससे मृत सरकारी कर्मचारियों की अविवाहित बेटियों को अनुकंपा के आधार पर नियुक्त किया जा सकेगा। यह निर्णय सुनिश्चित करता है कि सेवा के दौरान निधन होने वाले सरकारी कर्मचारियों की बेटियों को पुनर्वास सहायता मिलेगी। कैबिनेट के फैसले के अनुसार, यहां तक कि सौतेली बेटियां भी अपने मृत पिता की जगह लेने के लिए पात्र हो सकती हैं।

यदि किसी सरकारी कर्मचारी की सेवा अवधि के दौरान मृत्यु हो जाती है, तो उसकी बेटी/सौतेली बेटी को उनकी वैवाहिक स्थिति की परवाह किए बिना पुनर्वास योजना के तहत अनुकंपा के आधार पर उसका पद दिया जा सकता है।

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