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चयन प्रक्रिया के तहत अनुबंध पर होगी पुनर्नियुक्ति
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मुख्यमंत्री की मंजूरी होगी अनिवार्य
भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार ने सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों की अनुबंध आधारित पुनर्नियुक्ति के लिए नया दिशानिर्देश जारी किया है। इन दिशानिर्देशों के अनुसार, पुनर्नियुक्ति के लिए चयन प्रक्रिया खुली विज्ञापन या सरकार द्वारा समय-समय पर निर्धारित किसी अन्य तरीके से की जाएगी।
पुनर्नियुक्ति के लिए एक चयन समिति का गठन किया जाएगा, जो संबंधित प्रशासनिक विभाग की सिफारिशों के आधार पर निर्णय लेगी। समिति के अध्यक्ष मुख्य सचिव होंगे, जबकि सामान्य प्रशासन एवं जन शिकायत (जीए एवं पीजी) विभाग के अपर मुख्य सचिव और वित्त विभाग के सचिव इसके सदस्य होंगे। संबंधित प्रशासनिक विभाग के सचिव समिति के सदस्य-संयोजक होंगे।
प्रशासनिक विभाग के सचिव को समिति के सामने पुनर्नियुक्ति के प्रस्ताव प्रस्तुत करने होंगे और ऐसे कर्मचारियों की पुनर्नियुक्ति के लिए ठोस कारणों को स्पष्ट करना होगा। दिशानिर्देशों में कहा गया है कि पुनर्नियुक्ति केवल अपवाद स्वरूप होगी, न कि नियमित प्रक्रिया के रूप में। मुख्यमंत्री की स्वीकृति के बिना कोई पुनर्नियुक्ति नहीं की जाएगी।
पात्रता की शर्तों के अनुसार, वे अधिकारी जो सेवानिवृत्ति की आयु प्राप्त कर सेवानिवृत्त हुए हैं, 65 वर्ष से कम आयु के हैं, जिनका सेवा रिकॉर्ड अच्छा है और जो शारीरिक रूप से स्वस्थ हैं, पुनर्नियुक्ति के लिए पात्र होंगे।
जिन अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही (धारा 15 या धारा 16 के तहत) या आपराधिक मामले लंबित हैं या जिन्हें पिछले पांच वर्षों के दौरान कदाचार के लिए दंडित किया गया है, उन्हें सेवानिवृत्ति के बाद फिर से नियुक्ति के लिए विचार नहीं किया जाएगा।
इसी तरह, सेवानिवृत्ति से पहले लगातार साठ महीने तक बकाया सीसीआर/पीएआर वाले अधिकारियों को ही फिर से नियुक्ति के लिए विचार किया जा सकता है। एनआरसी को बकाया नहीं माना जाएगा।
यदि सेवानिवृत्ति के पिछले दस वर्षों के दौरान अधिकारियों के सीसीआर/पीएआर में प्रतिकूल टिप्पणी दर्ज की गई थी, तो उन्हें फिर से नियुक्ति के लिए विचार नहीं किया जाएगा।
कहा गया है कि पिछली बीजद सरकार में कई सेवानिवृत्त अधिकारियों को नियमों और विनियमों को ताक पर रखकर नियुक्त किया गया था।