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पुरी और कोणार्क तट पर शराब बेचने की योजना का विरोध

  • शंकराचार्य सहित विभिन्न संगठनों और शोधकर्ताओं ने जताई आपत्ति

  • आध्यात्मिक पवित्रता पर आघात बताया

पुरी। पुरी और कोणार्क के तटों पर पर्यटकों के लिए समुद्र तट पर झोंपड़ियां में शराब बेचने और परोसने की ओडिशा सरकार की योजना का पुरजोर विरोध शुरू हो गया है। पुरी के शंकराचार्य स्वामी श्री निश्चलानंद सरस्वती, जगन्नाथ संस्कृति के भक्त, शोधकर्ता, सामाजिक संगठनों और बुद्धिजीवियों ने इस कदम का कड़ा विरोध जताया है।

शंकराचार्य ने इस योजना की कड़ी निंदा करते हुए इसे ओडिशा की आध्यात्मिक पवित्रता के खिलाफ बताया। उन्होंने श्री जगन्नाथ धाम की धार्मिक महत्ता को संरक्षित करने की वकालत की और इस योजना को ओडिशा के लिए अपमानजनक करार दिया। उन्होंने कहा कि श्री जगन्नाथ धाम एक आध्यात्मिक और धार्मिक स्थान है, जहां किसी भी हालत में शराब या अन्य मादक पदार्थों की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

सरकार से अपील

शंकराचार्य ने भाजपा नीत सरकार से अपील की कि वह इस तरह के कदमों से बचे और समुद्र तटों को भजन, कीर्तन और आरती के स्थान के रूप में विकसित करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि पुरी के समुद्र तट पर शराब परोसने का यह प्रस्ताव किसी भी रूप में समर्थन योग्य नहीं है और पूरी तरह अस्वीकार्य है।

विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला शुरू

इस बीच, बुधवार को कई संगठनों के सदस्यों ने सिंहद्वार के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया, जहां उन्होंने पुरी में बीच शैक्स खोलने की अनुमति का विरोध किया। कई लोगों का मानना है कि यह धार्मिक स्थल पर अपराधों को बढ़ावा देगा।

पुरी को शराब मुक्त बनाने का आग्रह

प्रदर्शनकारियों में से एक ने कहा  कि पूरे भारत को शराब मुक्त होने की जरूरत पर जोर दिया जा रहा है और तभी ओडिशा भी शराब मुक्त हो सकता है। हमारी लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है, यह तभी खत्म होगी, जब पूरा भारत शराब मुक्त हो जाएगा। पुरी की मिट्टी और बेलभूमि (समुद्र तट) की रेत पवित्र है और इस भूमि की पवित्रता को धूमिल करने का कोई भी प्रयास अत्यधिक निंदनीय है। हम ओडिशा सरकार से पुरी को शराब मुक्त बनाने का आग्रह करते हैं। एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा कि समुद्र को देवी लक्ष्मी का मायका माना जाता है और श्री नारायण हर अमावस्या के दिन यहां आते हैं। यहां शराब की बिक्री अस्वीकार्य है। इसे रोकने के लिए हमने आज विरोध प्रदर्शन किया है। सरकार के फैसले की आलोचना करते हुए एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि ओडिशा को भी शराब मुक्त होना चाहिए क्योंकि सरकार ने चुनाव जीतने से पहले ओडिशा के लोगों से वादा किया था। अब, उस वादे को निभाने के बजाय, वे अपने फैसले से इस भूमि की पवित्रता को बर्बाद कर रहे हैं।

गोवा जैसी स्थिति के प्रयासों पर चिंता

बताया गया है कि राज्य सरकार द्वारा ओडिशा पर्यटन विकास निगम के माध्यम से पुरी और कोणार्क के तटों पर बीच शैक्स स्थापित करने के लिए निविदाएं आमंत्रित की गई हैं। इसका उद्देश्य समुद्र तट पर्यटन को बढ़ावा देना है। इसके साथ ही ओटीडीसी पुरी-कोणार्क मरीन ड्राइव के समुद्र तटों पर शराब सहित अन्य पेय पदार्थों के काउंटर और संगीत की व्यवस्था करने की योजना बना रही है, ठीक उसी तरह जैसे गोवा में होता है।

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