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जनजातीय छात्रों को मिलेगा 5,000 रुपये की वित्तीय सहायता
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156 करोड़ रुपये का बजट, 3 लाख छात्रों को लाभ
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आठवीं से ग्यारहवीं कक्षा के छात्रों को मिलेगा लाभ
भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार ने जनजातीय छात्रों के लिए एक नई योजना ‘माधो सिंह हाथ खर्च योजना’ को मंजूरी दी है, जिसके तहत छात्रों को 5,000 रुपये की वार्षिक वित्तीय सहायता दी जाएगी। इस योजना का उद्देश्य आदिवासी छात्रों की पढ़ाई बीच में छोड़ने की दर को कम करना है।
बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इस योजना को मंजूरी मिली, जिसके बारे में जानकारी संसदीय कार्य मंत्री डॉ मुकेश महालिंग ने गुरुवार को विधानसभा में दी। मंत्री ने बताया कि इस योजना के लिए 2024-25 के बजट में 156 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जिससे अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लगभग तीन लाख छात्रों को लाभ मिलेगा।
माधो सिंह हाथ खर्च योजना के अंतर्गत आठवीं से ग्यारहवीं कक्षा तक के जनजातीय छात्रों को सालाना 5,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। योजना का मुख्य उद्देश्य छात्रों को आर्थिक सहायता देकर उनकी पढ़ाई जारी रखने में मदद करना है।
विधानसभा में ‘माधो सिंह हाथ खर्च योजना’ पर संसदीय कार्य मंत्री डॉ. मुकेश महालिंग ने विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ओडिशा सरकार ने जनजातीय छात्रों की शिक्षा को सशक्त बनाने और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त करने के उद्देश्य से ‘माधो सिंह हाथ खर्च योजना’ की शुरुआत की है। इस योजना का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हमारे आदिवासी बच्चों की शिक्षा किसी भी प्रकार की वित्तीय बाधा के कारण बाधित न हो।
डॉ. महालिंग ने आगे कहा कि कई बार देखा गया है कि आर्थिक कठिनाइयों के कारण आदिवासी छात्र अपनी पढ़ाई बीच में छोड़ देते हैं। ऐसे में, राज्य सरकार ने इस योजना के माध्यम से इन बच्चों को प्रोत्साहन देने का निर्णय लिया है। आठवीं से ग्यारहवीं कक्षा तक के छात्रों को सालाना 5,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी, ताकि वे अपनी पढ़ाई सुचारू रूप से जारी रख सकें।
योजना इसी साल से लागू होगी
डॉ महालिंग ने यह भी कहा कि योजना इसी साल से लागू की जाएगी और इसके माध्यम से आदिवासी छात्रों की शिक्षा के स्तर में महत्वपूर्ण सुधार आने की उम्मीद है।
राज्य के विकास में भी बड़ा योगदान होगा
मंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि हर एक छात्र को शिक्षा का समान अवसर मिले, और इस दिशा में ‘माधो सिंह हाथ खर्च योजना’ एक महत्वपूर्ण कदम है। इस योजना से न केवल छात्रों को मदद मिलेगी, बल्कि राज्य के विकास में भी बड़ा योगदान होगा।