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विधायक ढोलकिया: “धर्मग्रंथ लेखन प्रशंसनीय, पर्यूषण का पूरा लाभ उठाएं”
भुवनेश्वर। आचार्य श्री महाश्रमण जी के आध्यात्मिक निर्देशन में तेरापंथ धर्म संघ की उपासक श्रेणी द्वारा पर्यूषण पर्वाराधना का भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें धर्म के विभिन्न पहलुओं को समझने और जीवन में उतारने की प्रेरणा देते हुए जैन धर्मग्रंथ ‘प्रज्ञवान बनो’ का विमोचन किया गया। यह ग्रंथ सिंघी चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा प्रकाशित किया गया है, और विधायक राजू ढोलकिया ने इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि जैसे हम मार्च के महीने में अपनी कमाई का लेखा-जोखा तैयार करते हैं, वैसे ही साल के आखिरी आठ दिन पर्यूषण पर्वाराधना का लाभ उठाएं।
इस दौरान महिला मंडल की मंत्री रश्मि बेताला ने सभी का स्वागत किया। तेरापंथ युवक परिषद के अध्यक्ष रोशन पोगलिया ने अपना वक्तव्य रखा। उपासक श्री का मंदिर मालिनी शहर में स्वागत किया। वरिष्ठ समाजसेवी सुभाष भुरा ने पर्यूषण पर्व की सभी को बधाई दी और सभी से धार्मिक कार्य करने का अनुरोध किया। सौरव बेताला ने दोनों उपासक का परिचय दिया।
धार्मिक उत्सव में उपासकों का समर्पण
पर्यूषण पर्वाराधना के इस कार्यक्रम में उपासक भारत जी बोथरा और अरविंद जी मणोत द्वारा 1 से 9 सितंबर तक धर्म संघ की सेवा का संकल्प लिया गया। नमस्कार महामंत्र के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ, जिसमें मुख्य अतिथि विधायक राजू ढोलकिया, महासभा अध्यक्ष मनसुख लाल सेठिया, और भुवनेश्वर सभा अध्यक्ष रंजीत बैद ने प्रमुख रूप से अपनी उपस्थिति दर्ज की। महिला मंडल की बहनों ने मंगलाचरण किया, जबकि सभा अध्यक्ष रंजीत बैद ने स्वागत भाषण देकर सभी का अभिनंदन किया।
प्रज्ञवान ग्रंथ का विमोचन
इस अवसर पर प्रताप सिंह सिंघी द्वारा रचित ‘प्रज्ञवान बनो’ नामक जैन धर्मग्रंथ का विमोचन भी किया गया। सभा मंत्री वीरेंद्र बेताला ने प्रज्ञवान बनो के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह ग्रंथ जैन विज्ञान और ज्ञान को समझने और जीवन में उतारने का अद्वितीय योग बनाएगा। ग्रंथ के विमोचन के अवसर पर उन्होंने जैन समाज के लोगों को समय का सही ज्ञान विकसित करने का आह्वान किया और पर्यूषण पर्व के अवसर को आत्म-आलोचना और आत्म-सुधार के रूप में मनाने का संदेश दिया।
धर्म की सेवा और समर्पण का संदेश
उपासक भारत बोथरा ने धर्म संघ की सेवा करने के अवसर को आचार्य श्री महाश्रमण जी की कृपा मानते हुए कहा कि जैन तंत्रज्ञान, जैन सिद्धांत, जैन इतिहास, और जैन भूगोल के माध्यम से जैन समाज को समझने की प्रेरणा मिलती है। हमें मोबाइल से निकलकर किताबों की ओर रुख करना चाहिए, जिससे हम धर्म की गहराई को जान सकें। उन्होंने मानव जीवन की उपयोगिता पर जोर देते हुए कहा कि जो व्यक्ति धर्म को नहीं जानता, वह अपने कर्मों का लोन बढ़ाता जाता है और इसे चुकाने में असमर्थ रहता है। उन्होंने पर्यूषण पर्व के दौरान अधिक से अधिक समायिक करने और समय का पालन करने की भी सलाह दी।
समाज का आह्वान
विधायक राजू ढोलकिया ने जैन धर्म संघ को आगे बढ़ाने के लिए प्रज्ञवान बनो पुस्तक रचना के प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि धर्मग्रंथ लेखन प्रशंसनीय है, और हमें पर्यूषण के दिनों का पूरा लाभ उठाना चाहिए। महासभा के अध्यक्ष मनसुख लाल सेठिया ने भी इस पर्व की महत्ता पर जोर दिया और सुभाष भुरा ने सभी को पर्यूषण पर्व के दौरान कम से कम दो उपवास करने का अनुरोध किया। सभी मंचासीन व्यक्तियों और उपस्थित जनसमूह ने उपासकों के मार्गदर्शन में इस आध्यात्मिक पर्व का पूर्ण लाभ उठाने का संकल्प लिया, जिससे धर्म की जड़ों को और भी मजबूत किया जा सके।
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