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ओडिशा सरकार ने जारी किया निर्देश
भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार ने राज्यभर के सरकारी दफ्तरों और सार्वजनिक स्थानों पर स्तनपान केबिन स्थापित करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश जारी किया है।
महिला और बाल विकास विभाग की अतिरिक्त सचिव रीना महापात्र ने सभी प्रमुख सचिवों, निदेशकों और जिला कलेक्टरों को इन केबिनों की स्थापना सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।
इस निर्देश के अनुसार, सरकारी कार्यालयों में स्तनपान केबिनों की स्थापना का जिम्मा सचिवों और निदेशकों को सौंपा गया है, जबकि जिला कलेक्टरों को यह सुनिश्चित करना है कि सार्वजनिक स्थानों और निजी संस्थानों में भी ये सुविधाएं उपलब्ध हों।
यह पहल राज्य में 1 से 7 अगस्त तक मनाए गए विश्व स्तनपान सप्ताह के मद्देनजर शुरू की गई है। परिवार कल्याण निदेशक डॉ संयुक्ता साहू ने स्तनपान के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि स्तन दूध नवजात शिशुओं को बीमारियों से बचाने के लिए आवश्यक एंटीबॉडी प्रदान करता है और उनके लिए पहला पोषण स्रोत होता है। उन्होंने यह भी बताया कि स्तनपान से मां और बच्चे दोनों को लाभ होता है, जिससे उनके जीवनभर के स्वास्थ्य और विकास में योगदान मिलता है।
ओडिशा ने इस क्षेत्र में पहले ही सराहनीय प्रगति दिखाई है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 (एनएफएचएस-5) के अनुसार, राज्य में 68.5% शिशुओं को जन्म के पहले घंटे के भीतर स्तनपान कराया जाता है, जो राष्ट्रीय औसत 41.8% से काफी अधिक है। इसके अलावा, ओडिशा में 72.9% शिशु पहले छह महीनों तक केवल स्तनपान पर निर्भर रहते हैं, जबकि राष्ट्रीय औसत 63.7% है।
यह नवीनतम निर्देश भाजपा के नेतृत्व वाली नई राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कई प्रगतिशील कदमों में से एक है, जिसने हाल ही में 16 अगस्त को महिला कर्मचारियों के लिए एक दिन की भुगतान वाली मासिक धर्म छुट्टी को मंजूरी दी है।