Home / Odisha / ओडिशा का लड़का 20 साल बाद लिंग परिवर्तन कर बना रिंकी दीदी

ओडिशा का लड़का 20 साल बाद लिंग परिवर्तन कर बना रिंकी दीदी

  • अब महिलाओं के अधिकारों के लिए कर रही संघर्ष

  • सामाजिक कलंक के बावजूद परिवार के समर्थन ने दिलाई नई पहचान

  • अब हक की लड़ाई हुई शुरू

भद्रक। ओडिशा के भद्रक जिले के नमकाना गांव के अजय बारिक ने लगभग 20-30 साल तक एक लड़के के रूप में जीवन बिताने के बाद लिंग परिवर्तन कराकर अब लड़की बन गया है। उसने यह निर्णय उस समय लिया, जब उन्हें पता चला कि उनके शरीर में महिला हार्मोन हैं, तो उनकी जिंदगी ने एक नया मोड़ लिया। सामाजिक बाधाओं और कलंक के बावजूद, अजय के परिवार ने उनका पूरा साथ दिया और अंततः उन्होंने लिंग परिवर्तन का साहसिक फैसला लिया। आज अजय बारिक रिंकी बारिक के रूप में अपनी नई पहचान के साथ महिलाओं के अधिकारों के लिए आवाज उठा रही हैं।

महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों से प्रभावित

रिंकी (अजय) का जन्म भद्रक जिले के भंडारिपोखारी तहसील के नमकाना गांव में हुआ है। वह रवींद्र बारिक के तीन बेटों में दूसरे नंबर पर थीं। अजय के रूप में उन्होंने अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद कोलकाता की एक निजी कंपनी में नौकरी शुरू की, लेकिन समय के साथ महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों से मानसिक रूप से प्रभावित होकर अजय ने खुद में एक महिला बनने का अनुभव करना शुरू किया।

चिकित्सकीय जांच के बाद परिवार हुआ तैयार

अपनी इस स्थिति को उन्होंने अपने परिवार के साथ साझा किया, जिसके बाद उन्हें चिकित्सकीय जांच के लिए ले जाया गया। जांच में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि अजय वास्तव में एक महिला के शरीर में पुरुष के रूप में जी रहे थे और उनके शरीर में महिला हार्मोन थे। हालांकि शुरुआत में परिवार में थोड़ी हिचकिचाहट थी, लेकिन आखिरकार उन्होंने अजय के लिंग परिवर्तन के फैसले को स्वीकार किया। दिल्ली में एक निजी अस्पताल में सर्जरी के बाद, अजय को उनकी नई पहचान मिली और वह रिंकी बारिक बन गईं।

नई पहचान और नई जिम्मेदारियों का संघर्ष

आज रिंकी बारिक न केवल एक खुशहाल और संतुलित जीवन जी रही हैं, बल्कि वह महिलाओं के अधिकारों के लिए भी सक्रिय रूप से संघर्ष कर रही हैं। उनके साहसिक फैसले ने उन्हें सिर्फ एक नई पहचान नहीं दी, बल्कि उन्हें समाज में महिलाओं के सम्मान और हक की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण योद्धा बना दिया है।

रिंकी की बहन कंचन बारिक कहती हैं कि कोई भी माता-पिता यह नहीं चाहेंगे कि उनका बेटा लड़की बन जाए, लेकिन अजय की स्वाभाविक विशेषताओं और महिला जैसी व्यक्तित्व के कारण हमने उन्हें जांच के लिए अस्पताल ले जाने का फैसला किया। जब डॉक्टरों ने पुष्टि की कि उनके शरीर में महिला हार्मोन हैं, तो हमने खुशी-खुशी उनके लिंग परिवर्तन को स्वीकार कर लिया। अब हम खुश हैं कि वह अपने सच्चे रूप में हैं।

नए जीवन से रिंकी खुश

रिंकी ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि अब, धीरे-धीरे सभी लोग मुझे एक लड़की के रूप में स्वीकार कर रहे हैं। लोग मेरा सम्मान कर रहे हैं और किसी ने मुझे परेशान नहीं किया। अब मैं सभी के लिए रिंकी दीदी हूं।

रिंकी बारिक की यह कहानी न सिर्फ उनके साहस की है, बल्कि यह भी बताती है कि कैसे परिवार का समर्थन और प्यार किसी भी सामाजिक बाधा को पार कर सकता है। आज, रिंकी अपने असली अस्तित्व के साथ न केवल खुद को स्थापित कर रही हैं, बल्कि वह समाज में बदलाव लाने के लिए महिलाओं के अधिकारों के लिए भी संघर्षरत हैं।

Share this news

About desk

Check Also

ओडिशा में अब हर महीने मिलेगा राशन चावल

ओडिशा के खाद्य मंत्री ने की घोषणा नए साल शुरू होगा वितरण भुवनेश्वर। नए साल …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *