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मुआवजे की मांग पर अड़े किसान
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बड़े पैमाने पर मुर्गियों की हत्या से पहले मुआवजे देने की मांग
पिपिलि। ओडिशा के पिपिलि में बर्ड फ्लू फैल गया है। इसे लेकर 43 फार्मों की 20,000 मुर्गियों को मारने का निर्णय लिया गया है। इस वायरस के अन्य क्षेत्रों में फैलने से रोकने के लिए 12 सदस्यीय टीम का गठन किया गया है, जो बड़े पैमाने पर मुर्गियों की हत्या करेगी। यह कदम तब उठाया गया, जब पशुधन निरीक्षक ने क्षेत्र का दौरा कर एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस की पुष्टि की।
हालांकि, इस फैसले से पिपिलि के मुर्गी पालकों में आक्रोश व्याप्त हो गया है। किसान इस फैसले के खिलाफ तब तक अड़े हुए हैं, जब तक कि उन्हें उचित मुआवजा नहीं दिया जाता।
ओडिशा पोल्ट्री डेवलपमेंट फोरम के सचिव प्रद्युम्न परिडा ने भी किसानों की चिंता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हम मुर्गियों के बड़े पैमाने पर मारे जाने के फैसले का विरोध नहीं कर रहे हैं, लेकिन किसानों को होने वाले भारी नुकसान का क्या? सरकार को इसका मुआवजा देना होगा।
इस बीच, मत्स्य एवं पशु संसाधन विकास विभाग ने आश्वासन दिया है कि किसानों को केंद्र और राज्य सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुसार मुआवजा दिया जाएगा। पशुपालन एवं पशु चिकित्सा सेवाएं निदेशालय, कटक के संयुक्त निदेशक मनोज पटनायक ने बताया कि हमने सैंपल को जांच के लिए भोपाल भेजा था और रिपोर्ट में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है। भारत सरकार और ओडिशा सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार, हमें 1 किमी के दायरे में सभी मुर्गियों को मारना है। किसानों को छोटे मुर्गियों के लिए 20 रुपये और बड़े मुर्गियों के लिए 60 रुपये प्रति मुर्गी मुआवजा मिलेगा।