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आबकारी मंत्री के इस्तीफे की मांग, सरकार ने की कार्रवाई तेज
भुवनेश्वर। गंजाम जिले के चिकिटि इलाके में जहरीली शराब पीने से हुई मौतों के मामले ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। विपक्ष के मुख्य सचेतक प्रमिला मल्लिक ने राज्य के आबकारी मंत्री से नैतिकता के आधार पर तुरंत इस्तीफा देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार जो नैतिकता और नीति की बात करती है, वह इस मामले में कहां गायब हो गई है? प्रमिला मलिक का कहना है कि जब भी पूर्व की सरकारों के दौरान ऐसी घटनाएं हुईं, तो तत्कालीन मंत्रियों ने तुरंत इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने कहा कि नवीन सरकार के दौरान जब भी शराब के कारण मृत्यु हुई तो तत्कालीन आबकारी मंत्रियों ने तुरंत इस्तीफा दे दिया था, लेकिन भाजपा सरकार की नैतिकता कहां चली गई? उन्होंने कहा कि आबकारी मंत्री को नैतिक कारणों से तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नेताओं के शराब कारोबारियों के साथ मिलीभगत है।
अधिकारी निलंबित, अधीक्षक का तबादला
जहरीली देशी शराब पीने से दो लोगों की मौत के बाद बृहस्पतिवार को राज्य सरकार ने कड़ा कदम उठाया है। आबकारी मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने तत्काल कार्रवाई करते हुए ब्रह्मपुर के आबकारी अधीक्षक प्रदीप पाणिग्राही को निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही, आबकारी निरीक्षक रमेश चंद्र मोहंती को कोरापुट और उप-निरीक्षक प्रसन्न कुमार धाली को ढेंकानाल स्थानांतरित किया गया है।
मंत्री ने विस्तृत जानकारी ली
मंत्री ने आबकारी सचिव सुशील कुमार लोहेनी और आबकारी आयुक्त नरसिंह भोला के साथ हुई बैठक में इस घटना की विस्तृत जानकारी ली और अवैध शराब के कारोबार पर कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य में अवैध शराब का कारोबार किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
मामले की होगी आरडीसी जांच: आबकारी मंत्री
आबकारी और कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने घोषणा की है कि जहरीली शराब से हुई मौतों की जांच के लिए आरडीसी जांच का आदेश दिया गया है। इस जांच की रिपोर्ट दो महीने के भीतर पेश की जाएगी। उन्होंने बताया कि राज्यभर में अवैध शराब भट्ठियों पर कार्रवाई जारी है और अब तक 117 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। मंत्री ने कहा कि सरकार अवैध शराब के कारोबार को पूरी तरह से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है।
चिकिटि कांड की तफ्तीश तेज, अस्पताल में इलाज जारी
चिकिटि ब्लॉक के मौंडपुर, जेनापुर और करबालुआ गांवों के करीब 23 लोगों ने सोमवार शाम एक स्थानीय अवैध दुकान से देशी शराब का सेवन किया था, जिसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई। इनमें से 15 लोगों को बेहतर इलाज के लिए ब्रह्मपुर के एमकेसीजी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भर्ती कराया गया। इनमें से दो लोगों, जुरा बेहरा और लोकनाथ बेहरा की बुधवार को मौत हो गई, जबकि 13 अन्य का इलाज अभी भी जारी है। मंत्री हरिचंदन ने अस्पताल में भर्ती मरीजों के इलाज के लिए विशेष व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं और अधिकारियों को राज्यभर में अवैध शराब निर्माण इकाइयों और दुकानों पर छापेमारी करने के आदेश दिए हैं।