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हवाई अड्डे के विकास के लिए भूमि के पट्टे की लागत पर छूट
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स्वामी विवेकानंद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिहैबिलिटेशन ट्रेनिंग एंड रिसर्च के लिए भूमि पट्टा देने को मंजूरी
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मंत्री मुकेश महालिंग ने ओडिशा कैबिनेट के कई अहम निर्णयों की जानकारी विधानसभा में दी
भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार ने झारसुगुड़ा में वीर सुरेंद्र साईं हवाई अड्डे के विकास को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। कैबिनेट की बैठक में लिया गया यह निर्णय राज्य के वाणिज्यिक हवाई अड्डों की संख्या को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया है। इस निर्यण के अनुसार, झारसुगुड़ा वीर सुरेंद्र साईं एयरपोर्ट को राज्य के दूसरे वाणिज्यिक एयरपोर्ट के रूप में विकसित किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय सात अगस्त को लिया गया था। इसकी घोषणा मंगलवार को विधानसभा में संसदीय मामलों के मंत्री मुकेश महालिंग ने की।
उन्होंने बताया कि राज्य कैबिनेट ने एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के लिए 53.27 एकड़ सरकारी भूमि और 54.43 एकड़ निजी भूमि के पट्टे की लागत पर 3.37 करोड़ रुपये स्टाम्प ड्यूटी और 1.13 करोड़ रुपये रजिस्ट्रेशन फीस की छूट की मंजूरी दी है। इसके साथ ही स्वामी विवेकानंद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिहैबिलिटेशन ट्रेनिंग एंड रिसर्च के लिए 1.710 एकड़ भूमि के पट्टे को भी कैबिनेट की मंजूरी मिली है। यह भूमि विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण व्यक्तियों के लिए अतिरिक्त सुविधाएं प्रदान करने के लिए बिना किसी प्रीमियम या अन्य खर्च के प्रदान की जाएगी और इसके लिए 11.07 करोड़ रुपये की छूट दी जाएगी।
मेथनॉल पर आयात व उत्पाद शुल्क में छूट
कैबिनेट ने मेथनॉल पर आयात शुल्क और उत्पाद शुल्क में छूट देने का भी निर्णय लिया है। यह निर्णय बायोडीजल उत्पादन के लिए मेथनॉल की उपलब्धता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया है। मेथनॉल, जिसे मिथाइल अल्कोहल के रूप में भी जाना जाता है, एक अत्यधिक बहुमुखी रसायन है जिसका व्यापक रूप से औद्योगिक उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाता है और यह हमारे दैनिक जीवन में प्रचलित है। ऊर्जा वाहक के रूप में इसकी दक्षता ने इसे कारखानों और बिजली उत्पादन के लिए ईंधन के रूप में तेजी से आम बना दिया है।