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ओडिशा में उपचुनाव को लेकर भाजपा में हलचल तेज
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संख्या बल के हिसाब से ममता का इस सीट पर जीत लगभग तय
भुवनेश्वर। ओडिशा में राज्यसभा के उपचुनाव को लेकर भाजपा में हलचल तेज हो गई है। बुधवार को पार्टी की आधिकारिक उम्मीदवार ममता मोहंता के नामांकन के बाद भाजपा के एक और नेता जगन्नाथ प्रधान ने भी अपना नामांकन दाखिल किया।
ममता मोहंता ने अपना नामांकन मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनमोहन समल और ओडिशा प्रभारी विजयपाल सिंह तोमर की उपस्थिति में भुवनेश्वर में दाखिल किया। ममता, जो कुड़मी समुदाय की एक प्रमुख नेता हैं और मयूरभंज जिले से आती हैं, ने हाल ही में बीजद से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थामा था। उनके नामांकन के साथ ही ममता का इस सीट पर जीत लगभग तय मानी जा रही है, क्योंकि भाजपा के पास 147 सदस्यीय विधानसभा में 78 विधायक हैं और तीन निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी प्राप्त है। इसके चलते ममता मोहंता का इस सीट पर जीत लगभग तय मानी जा रही है। यदि आवश्यक हुआ तो राज्यसभा मतदान 3 सितंबर को होगा। उसी शाम 5 बजे वोटों की गिनती की जाएगी और चुनाव नतीजे घोषित किए जाएंगे।
हालांकि, ममता मोहंता के नामांकन के करीब एक घंटे बाद जगन्नाथ प्रधान ने भी राज्यसभा उपचुनाव के लिए निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया। प्रधान ने हाल ही में भुवनेश्वर-सेंट्रल विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था, जिसमें वे बीजद के अनंत नारायण जेना से मामूली अंतर से हार गए थे।
प्रधान के नामांकन में भाजपा के कुछ विधायकों ने प्रस्तावक के रूप में हस्ताक्षर किए, जिससे यह स्पष्ट माना जा रहा है कि प्रधान ने यह कदम पार्टी के एक सुरक्षात्मक उपाय के तहत उठाया है। राजनीतिक प्रेक्षकों का मानना है कि प्रधान ने पार्टी के डमी उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल किया है, ताकि किसी भी अप्रत्याशित स्थिति में पार्टी को एक विकल्प मिल सके।
राज्यसभा उपचुनाव की यह सीट ममता मोहंता के बीजद से इस्तीफे के बाद खाली हुई थी। चुनाव 3 सितंबर को होने वाले हैं, जिसमें ममता मोहंता की जीत लगभग सुनिश्चित मानी जा रही है।
नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद ममता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनमोहन सामल और प्रभारी विजय सिंह तोमर के प्रति आभार व्यक्त किया।