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छात्र संघ चुनावों और अन्य मुद्दों पर कांग्रेस और बीजद ने सरकार को घेरा
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पूर्व विधायक सुंदर मोहन मांझी के निधन पर सदन में शोक प्रस्ताव पारित
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सदन में प्रारम्भ से ही हंगामा, प्रथमार्ध की बैठक में नहीं हो सका कामकाज
भुवनेश्वर। ओडिशा विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरुआत काफी हंगामेदार हुई। सोमवार को सदन में भारी हंगामा हुआ। कांग्रेस और बीजद सदस्यों ने राज्य सरकार को विभिन्न मुद्दों पर घेरने की कोशिश की। छात्र संघ चुनावों को लेकर कांग्रेस के सदस्यों ने जोरदार हंगामा किया, जबकि बीजद के सदस्यों ने विपक्ष के नेता की गिरफ्तारी से संबंधित बयान को सदन की कार्यवाही से हटाने की मांग सहित तीन अन्य मुद्दों पर अपनी बात रखी।
पहले, हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही एक घंटे के लिए स्थगित करनी पड़ी और बाद में विपक्षी सदस्यों के विरोध के चलते कार्यवाही को दोबारा 4 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने सदन में घोषणा की कि पिछले आठ वर्षों से लंबित छात्र संघ चुनाव अगले वर्ष से फिर से आयोजित किए जाएंगे। इस घोषणा के बावजूद, कांग्रेस के सदस्य इस वर्ष ही चुनाव करवाने की मांग पर अड़े रहे।
कांग्रेस विधायक तारा प्रसाद वाहिनिपति ने कहा कि कॉलेज चुनाव राजनीति में प्रवेश का माध्यम हैं। 2017 से अब तक ओडिशा में छात्र संघ चुनाव नहीं हुए हैं। उस समय के मंत्री और सचिव ने चुनावों का बहिष्कार किया, क्योंकि उन्हें पता था कि बीजद हार जाएगी। अब भाजपा सरकार कह रही है कि वे चुनाव करवाएंगे। यदि छात्र संघ चुनाव नहीं कराए गए तो युवा कांग्रेस पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन करेगी।
वहीं, बीजद के नेता प्रताप देव ने कहा कि हमने कई मुद्दे उठाए हैं, जिसमें ओडिशा के मुख्यमंत्री ने अग्निवीर योजना की घोषणा विधानसभा के बाहर की और उसके बाद दिल्ली चले गए।
विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए बीजेपी विधायक सरोज पाढ़ी ने कहा कि छात्र संघ चुनाव कराने के लिए उचित स्थिति का होना जरूरी है। मंत्री ने कहा है कि चुनाव अगले साल से होंगे और उसके लिए तैयारी की जा रही है। पिछली सरकार ने जिस तरह से प्लेटफॉर्म को नुकसान पहुंचाया था, नई सरकार पहले उन सभी चीजों को ठीक करेगी और उसके बाद चुनाव के कदम उठाए जाएंगे।
सर्वसम्मति से शोक प्रस्ताव पारित
इससे पूर्व आज पहले दिन सदन के पूर्व सदस्य सुंदर मोहन मांझी के निधन पर सर्वसम्मति से शोक प्रस्ताव पारित किया गया। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही मुख्यमंत्री मोहन माझी ने यशीपुर के पूर्व विधायक सुंदरमोहन माझी के निधन पर शोक प्रस्ताव पेश किया। इस प्रस्ताव का विपक्ष के मुख्य सचेतक श्रीमती प्रमिला मल्लिक, कांग्रेस विधायक दल के नेता रामचन्द्र काडाम और सीपीएम विधायक लक्ष्मण मुंडा ने समर्थन किया। इसके बाद सदन में दिवंगत नेता के लिए एक मिनट की मौन प्रार्थना की गई और शोक प्रस्ताव पारित किया गया।
शोक प्रस्ताव के बाद कोई कामकाज नहीं
शोक प्रस्ताव पारित होने के बाद अध्यक्ष सुरमा पाढ़ी निर्धारित कार्यसूची के अनुसार प्रश्नकाल शुरू करना चाहा। उन्होंने सवाल का जवाब देने के लिए मंत्री रवि नारायण नायक को बुलाया। मंत्री नायक भी अपना जवाब पढ़ते दिखे, लेकिन तभी कांग्रेस पार्टी के विधायकों ने छात्र संसद चुनाव का मुद्दा उठाया और नारेबाजी की। कांग्रेस के विधायकों ने राज्य में छात्र संसद का चुनाव कराने की मांग को लेकर नारेबाजी करने के साथ-साथ सदन के मध्य में आ गये। उधर बीजू जनता दल के विधायक भी राजभवन से संबंधित पुराने मुद्दे को लेकर नारेबाजी की। बीजद के विधायक पहले अपनी सीटों पर नारेबाजी कर रहे थे, लेकिन बाद में वे भी सदन के बीच में आ गये और हंगामा करने लगे।
वाहिनीपति ने किया पोडियम पर चढ़ने का प्रयास
कांग्रेस विधायक तारा प्रसाद वाहिनीपति ने विधानसभा अध्यक्ष के पोडियम पर चढ़ने का प्रयास किया। सदन के सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें ऐसा करने से रोका। विधानसभा अध्यक्ष सुरमा पाढ़ी हंगामा कर रहे विधायकों को अपनी अपनी सीट पर जाने तथा सदन को सुचारु रूप से चलाने के लिए सहयोग करने के लिए बार बार अपील कर रही थीं, लेकिन इसका किसी प्रकार का प्रभाव विधायकों पर नहीं दिखा। इस कारण विधानसभा अध्यक्ष सुरमा पाढ़ी ने सदन को एक घंटे के लिएयानी 11.41 तक स्थगित कर दिया। इसके बाद सदन की कार्यवाही जब दोबारा शुरू हुई, तब भी समान स्थिति देखी गई। विपक्षियों के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही को चार बजे तक स्थगित कर दी गई।