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मौतों की संख्या अन्य राज्यों की तुलना में बहुत अधिक
भुवनेश्वर। पिछले दो दिनों में ओडिशा के कई जिलों में बिजली गिरने से मरने वालों की संख्या 16 हो गयी है। ओडिशा में बिजली गिरने से होने वाली मौतों की संख्या अन्य राज्यों की तुलना में बहुत अधिक है।
एक रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य में हर साल बिजली गिरने की घटनाओं के कारण लगभग 300 लोग मारे जाते हैं। ऐसी मौतों के कई कारण हैं, जैसे स्कूलों और आवासीय घरों सहित इमारतों में पर्याप्त अर्थिंग सिस्टम की कमी।
बताया गया है कि रविवार को अलग-अलग जगहों पर बिजली गिरने की घटनाओं में कम से कम छह लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने घटनाओं पर गहरा दुख व्यक्त किया और पीड़ितों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की और कहा कि राज्य सरकार उनके इलाज का खर्च वहन करेगी।
बताया गया है कि शनिवार को बिजली गिरने से दस लोगों की मौत हुई थी। रविवार को ओडिशा में प्रकृति के कहर से छह और लोगों की मौत हो गई। इसके बाद विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) ने लोगों को बिजली गिरने से खुद को बचाने के लिए क्या करें और क्या न करें की एक सूची जारी की।
ये छह मौतें केंद्रापड़ा, बालेश्वर, जाजपुर, सोनपुर और भद्रक से हुई हैं। केंद्रापड़ा जिले के पट्टामुंडी के अंतर्गत बसुदेबपुर और गारा गांवों में दो लोगों की मौत हो गई, जबकि बालेश्वर के सूरवाड़ा गांव में एक और ग्रामीण की मौत हो गई और चार अन्य घायल हो गए।
जाजपुर जिले के धरम छाया भवानीपुर में बिजली गिरने से एक किसान की मौत हो गई, जबकि सोनपुर जिले के बिनिका इलाके के थिलीमाल में एक और किसान की मौत हो गई। छठी मौत भद्रक जिले के भंडारीपोखरी नेरदा गांव से हुई। देश में मानसून से पहले और मानसून के दौरान बिजली गिरने से ओडिशा सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों में से एक है।
राज्य में बिजली गिरने से कई लोगों की जान जाने को देखते हुए विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) के कार्यालय ने रविवार को एक एडवाइजरी जारी की, जिसमें बिजली गिरने की घटनाओं के दौरान लोगों द्वारा अपनाए जाने वाले एहतियाती उपायों की सूची दी गई है।
इसमें कहा गया है कि अगर बिजली गिरने के दौरान कोई घर से बाहर है, तो उसे झुककर घुटनों के बल बैठना चाहिए। लोगों को बिजली गिरने के दौरान जमीन पर न लेटने की सलाह दी गई है।