Home / Odisha / सिम बॉक्स मामला : कमिश्नरेट पुलिस ने राजू मंडल को 5 दिन की रिमांड पर लिया

सिम बॉक्स मामला : कमिश्नरेट पुलिस ने राजू मंडल को 5 दिन की रिमांड पर लिया

भुवनेश्वर। कमिश्नरेट पुलिस ने सिम बॉक्स मामले में भुवनेश्वर से गिरफ्तार आरोपी राजू मंडल को पांच दिन की रिमांड पर लिया है। पुलिस अब राजू मंडल के आतंकी लिंक की जांच करेगी और मास्टरमाइंड तथा बांग्लादेशी नागरिक अशद्दुर जमान के बारे में आगे की पूछताछ करेगी।

भुवनेश्वर के डीसीपी प्रतीक सिंह ने बताया कि पुलिस जरूरत पड़ने पर एनआईए और इंटरपोल की मदद लेगी। पुलिस इस गिरोह के सदस्यों, उनके संचालन करने वाले देशों और अब तक कितने पैसों का लेन-देन हुआ है, इसका पता लगाने की कोशिश कर रही है।

उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को भुवनेश्वर में एक घर पर छापेमारी के दौरान कमिश्नरेट पुलिस की एक विशेष टीम ने भुवनेश्वर के लक्ष्मीसागर पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत महादेव नगर में एक घर से सात सिम बॉक्स जब्त किय़ा था। छापेमारी के दौरान पश्चिम बंगाल के लगभग 1000 प्री-एक्टिवेटेड सिम कार्ड, पुराने सिम कार्ड, राउटर और अन्य उपकरण जब्त किए गए थे।

इसके बाद शनिवार को ट्विन सिटी पुलिस कमिश्नर संजीव पंडा ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में खुलासा किया था कि इस पूरे मामले का मास्टरमाइंड बांग्लादेशी नागरिक असदुर जमान है। जमान ही इस मामले के आरोपी राजू मंडल का संचालक था, जिसे इस मामले में गिरफ्तार किया गया था।

पंडा ने इसके बारे में जानकारी देते हुए बताया था कि जांच में अवैध सिम कार्ड व्यापार के एक जटिल नेटवर्क का खुलासा हुआ है, जिसके तार अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बांग्लादेश और पाकिस्तान से जुड़े हुए हैं। पुलिस इस मामले में अन्य व्यक्तियों और संगठनों की संलिप्तता की भी आगे जांच कर सकती है।

उन्होंने कहा था कि आरोपी राजू मंडल पश्चिम बंगाल का रहने वाला है और वह भुवनेश्वर में किराए के मकान से सिम बॉक्स का संचालन कर रहा था। उसका काम यह सुनिश्चित करना था कि यूपीएस, इंटरनेट, बिजली और अन्य सेवाएँ ठीक से काम करें। सिम में कोई समस्या होने पर मंडल घर पर आता था और आवश्यक मरम्मत और रखरखाव का काम करता था। मंडल ने बताया कि सिम बॉक्स का इस्तेमाल पाकिस्तान, चीन और खाड़ी के देशों में अंतर्राष्ट्रीय कॉल को बायपास करने के लिए किया जाता था।

उन्होंने बताया था कि आरोपी राजू मंडल का असली हैंडलर बांग्लादेशी नागरिक असदुर जमान है। जमान अक्टूबर में अगरतला और भुवनेश्वर होते हुए भारत आया था। वह दिसंबर में बांग्लादेश लौट आया था।

जांच से पता चला है कि सिम बॉक्स बांग्लादेश से गुप्त तरीके से भारत में तस्करी करके लाए गए थे। इसके अलावा, यह भी पता चला कि जमान मंडल को इस ऐबज में भुगतान करता रहा है।

पंडा ने कहा था कि सिम बॉक्स का इस्तेमाल मुख्य रूप से साइबर अपराध, नफरत भरे संदेश, आतंकवादी गतिविधियों, जबरन वसूली और अन्य अपराधों के लिए किया जाता है। इसमें मूल नंबर छिप जाते हैं और यही कारण है कि यह कानून लागू करने वाली एजेंसियों के लिए समस्याएं पैदा करता है।

Share this news

About desk

Check Also

ओडिशा में अब हर महीने मिलेगा राशन चावल

ओडिशा के खाद्य मंत्री ने की घोषणा नए साल शुरू होगा वितरण भुवनेश्वर। नए साल …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *