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भुवनेश्वर वार्ड-37 की पार्षद बंडिता पाल ने भाजपा का दामन थामा
भुवनेश्वर। पिछले आम चुनावों में मिली हार के बाद बीजू जनता दल (बीजद) के भीतर की फूट धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है। इसका ताजा उदाहरण भुवनेश्वर नगर निगम के वार्ड-37 की पार्षद बंडिता पाल के शुक्रवार को विपक्षी पार्टी बीजद छोड़कर सत्ताधारी भाजपा में शामिल होने से मिला है।
बंडिता के साथ उनके पति अर्जुन बेहरा और छात्र बीजद के उपाध्यक्ष प्रभुदत्ता सामल ने भी भाजपा का दामन थामा। भाजपा में शामिल होने के बाद बंडिता ने अपने इस्तीफे के लिए भुवनेश्वर सेंट्रल के विधायक अनंत नारायण जेना को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने आरोप लगाया कि अनंत जानबूझकर विकास कार्यों में बाधा डाल रहे थे और उन्हें परेशानी में डाल रहे थे।
बंडिता ने कहा कि भुवनेश्वर सेंट्रल के विधायक मुझे समर्थन नहीं दे रहे थे। मैंने इस मुद्दे को पार्टी सुप्रीमो नवीन पटनायक, पूर्व 5-टी अध्यक्ष वीके पांडियन और पार्टी के संगठन सचिव प्रणव प्रकाश दास के समक्ष कई बार उठाया, लेकिन कुछ नहीं हुआ। इसलिए मुझे मजबूरन पार्टी छोड़नी पड़ी। मुझे किसी से डर नहीं लगता। मैं हमेशा लोगों के लिए आवाज उठाऊंगी।
अर्जुन ने कहा कि लोगों ने बीजद को 24 साल की सरकार के बाद खारिज कर भाजपा को वोट दिया। हम विकास के लिए पार्टी के साथ रहेंगे और लोगों की मदद करेंगे।
इस बीच, एक अन्य बीजद पार्षद अमरेश जेना ने भी बंडिता का समर्थन करते हुए पार्टी के कामकाज पर असंतोष जताया और अनंत के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि भुवनेश्वर में बीजू जनता दल की जगह बुनू जनता दल चल रहा है। कई बीजद पार्षद इस मुद्दे से असंतुष्ट हैं। उनमें से कई भाजपा के संपर्क में हैं और पार्टी में शामिल होने का सही मौका तलाश रहे हैं।
राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार, भुवनेश्वर में बीजद की अंदरूनी कलह भविष्य में पार्टी के लिए मुसीबत खड़ी कर सकती है। कहा जा रहा है कि आने वाले दिनों में उनमें से कई भाजपा में शामिल हो सकते हैं।