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19वीं शताब्दी के समाज सुधारक भीम भोई के नाम पर होगा विश्वविद्यालय
भुवनेश्वर। भारत का पहला दृष्टिहीन छात्रों के लिए समर्पित विश्वविद्यालय ओडिशा में स्थापित होने जा रहा है, जो शैक्षिक और तकनीकी पाठ्यक्रम प्रदान करेगा।
वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, देश में 50 लाख से अधिक दृष्टिहीन लोग हैं, जिनमें से 5.21 लाख से अधिक ओडिशा में रहते हैं। ओडिशा में लगभग 2 लाख युवा दृष्टिहीन हैं।
सामाजिक सुरक्षा और विकलांगता सशक्तिकरण विभाग (एसएसईपीडी) के दृष्टिहीन उपसचिव, संन्यासाई बेहरा ने कहा कि दृष्टिहीनों की शिक्षा और प्रशिक्षण की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक समग्र और विशेष विश्वविद्यालय की आवश्यकता है।
प्रस्तावित विश्वविद्यालय का नाम दृष्टिहीन कवि और 19वीं शताब्दी के समाज सुधारक भीम भोई के नाम पर रखा जाएगा। इस विश्वविद्यालय में तकनीकी उत्कृष्टता के स्कूल भी होंगे।
गौरतलब है कि हाल ही में जापान के त्सुकुबा विश्वविद्यालय के एक प्रतिनिधिमंडल, जो दृष्टिहीनों के लिए प्रसिद्ध है, ने एसएसईपीडी अधिकारियों से इस संबंध में मुलाकात की थी। इस बैठक के बाद बेहरा ने कहा कि इस संबंध में जल्द ही मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी को एक प्रस्ताव भेजा जाएगा।
योजना के अनुसार, विश्वविद्यालय परिसर में उन्नत डिजिटल लैब के साथ आवासीय सुविधाएं भी होंगी। एसएसईपीडी के प्रमुख सचिव विष्णुपद सेठी ने कहा कि सरकार भारत और विदेश से छात्रों के लिए कक्षा नौ से शिक्षा प्रदान करने के लिए एक परिसर स्थापित करने की योजना बना रही है।
उन्होंने कहा कि हम एक्यूपंक्चर और फिजियोथेरेपी जैसे व्यावसायिक पाठ्यक्रम, साथ ही नीति अनुसंधान भी प्रदान करेंगे।