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ई-वे फॉर्म में चल रहा करोड़ों रुपये का अवैध कारोबार
ब्रह्मपुर। रुशिकुल्या नदी से अवैध बालू तस्करी के गंभीर आरोप लगे हैं। आरोप है कि बालू माफिया और खनन विभाग के कुछ अधिकारी सरकार के कायदे-कानून को ध्वस्त करने में लगे हैं। आरोप है कि नदी से करोड़ों रुपये का अवैध बालू तस्करी को लेकर स्थानीय प्रशासन या खनन विभाग के अधिकारी जानबूझ कर चुप हैं। आरोप है कि फर्जी फॉर्म वाई का इस्तेमाल कर तस्करी का आरोप है। क्षेत्र के निवासियों ने मांग की है कि जिला प्रशासन और राज्य खनन विभाग के उच्च पदस्थ अधिकारी सच्चाई का पता लगाने के लिए उचित जांच करे। जानकारी के लिए बता दें कि पुरकुट्टमपुर तहसील अधन मा तारातारिन रतारदीना की तलहटी में रुशिकुल्या नदी के मुकुंदपुर गांव के पास से हर दिन 2000 से अधिक ट्रक और हाइव रेत चोरी कर रहे हैं।
फर्जी फॉर्म वाई में अंकित आनुवंशिक रेत माफिया के नाम पर कुंडपुर गांव के पास रुशिकुल्या नदी तट से रेत उठाने के लिए कोई अनुमति या निविदा नहीं ली गई, फिर भी रेत माफिया ने पुरकुट्टमपुर तहसील में लिखे फर्जी फॉर्म वाई का उपयोग करके मुकुंदपुर नदी में रेत ला दी। पुरूषोत्तमपुर तहसील प्रशासन या खनन विभाग को इस बात की जानकारी है कि 6068 दिनों की दोपहर में बालू की तस्करी हो रही है। खनन विभाग गंजाम जिले में काया द्वारा फैलाए गए फर्जी फॉर्म वाई के पीछे के मास्टरमाइंड का पता लगाने में विफल हो रहा है। हालांकि जिला खनन विभाग में मामला जाने के बाद भी खनन माफिया विभाग के अधिकारियों से हाथ झाड़कर अब भी बालू खनन कर रहे हैं। बीते शनिवार शाम को सोरडा विधायक नीलमणि बसोयी ने भुवनेश्वर से अपने गांव लौटते समय खनन विभाग और जिला प्रशासन को सूचना दी कि उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत गंगपुर के पास एक रेत खदान से अवैध रेत की तस्करी होते देखी है। आधी रात तक विधायक का इंतजार होता रहा, लेकिन खनन विभाग के अधिकारी विधायक की बात सुने बगैर देर से पहुंचे।
दूसरी ओर, खनन विभाग इतनी बड़ी मात्रा में हो रहे बालू के अवैध खनन को रोकने में विफल रहा है। साथ ही गंजाम जिले के गोपालपुर निर्वाचन क्षेत्र के विधायक विभूति भूषण जेना ने राज्य के खनन विभाग के मंत्री के रूप में जिम्मेदारी संभालने के बाद राज्य में माफियाओं को खत्म करने के लिए एक अभियान चलाया और अवैध रेत की पहचान करने के लिए विभागीय अधिकारियों की बारीकी से समीक्षा की गई। माफियाओं और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आदेश दिया है। उधर, खान एवं खनन विभाग के अधिकारियों और मंत्री से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन वह भी संभव नहीं हो सका। इस मामले में मंत्री से हस्तक्षेप की मांग की गयी है।