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उद्योग मंत्री संपद स्वाईं ने विधानसभा में दी जानकारी
भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार ने राज्य में निवेश बढ़ाने के लिए पिछले पांच वर्षों में विभिन्न उद्योगों के साथ 512 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए, लेकिन उनमें से केवल 30 को ही अब तक क्रियान्वित किया जा सका है। यह जानकारी शुक्रवार को उद्योग मंत्री संपद स्वाईं ने विधानसभा में दी।
राज्य में उद्योगों की प्रगति के बारे में कांग्रेस विधायक तारा प्रसाद वाहिनीपति के एक प्रश्न का उत्तर देते हुए स्वाईं ने कहा कि 2020 से मार्च 2024 तक ओडिशा ने राज्यस्तरीय एकल खिड़की निकासी प्राधिकरण के माध्यम से कई मेगा परियोजनाओं के लिए 11,85,281.40 करोड़ रुपये के प्रस्तावित निवेश के साथ 512 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं। इन परियोजनाओं के क्रियान्वयन से 5,31,000 रोजगार के अवसर पैदा हो सकते थे।
उन्होंने कहा कि हालांकि, अब तक उनमें से केवल 30 को आंशिक रूप से या पूरी तरह से क्रियान्वित किया गया है, जिससे राज्य में केवल 19,528 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। यदि ये मेगा परियोजनाएं पूरी तरह से चालू हो जाती हैं, तो इससे 20,251 और रोजगार के अवसर पैदा हो सकते हैं। मंत्री के जवाब के बाद कांग्रेस विधायक ताराप्रसाद वाहिनीपति ने मंत्री की आलोचना की और सदन में कथित तौर पर अधूरे तथ्य प्रस्तुत करने पर नाराजगी व्यक्त की। वाहिनीपति ने आरोप लगाया कि वर्तमान भाजपा सरकार का ध्यान ‘विकासशील ओडिशा’ पर है। तत्कालीन बीजद सरकार की मदद से कई कंपनियों ने 2004-2005 में कोरापुट में आदिवासी समुदायों से कारखाने स्थापित करने के लिए जमीन खरीदी थी। दो दशक बाद भी जिले में एक भी कारखाने का नामोनिशान नहीं है। भाजपा और बीजद दोनों ही लोगों को गुमराह कर रहे हैं। गौरतलब है कि इस अवधि के दौरान, ओडिशा सरकार ने राज्य में अपने कारखाने स्थापित करने के लिए 235 उद्योगों को 8,652 एकड़ जमीन उपलब्ध कराई।