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माध्यमिक स्तर की ड्रॉपआउट दर 27.29 प्रतिशत
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प्राथमिक व उच्च प्राथमिक में सकल नामांकन स्तर कम
भुवनेश्वर। देश में माध्यमिक में सबसे अधिक ड्रॉपआउट होने वाली संख्या ओडिशा में है। यहां ड्रॉपआउट दर 27.29 प्रतिशत है।हालांकि उच्च प्राथमिक, माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक स्तर पर सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) क्रमशः 91.3, 80.4 और 43.6 है, लेकिन ओडिशा में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्तर पर जीईआर अभी भी अखिल भारतीय औसत से कम है।
यह जानकारी यहां बुधवार को विधानसभा में पेश की आर्थिक सर्वे रिपोर्ट में दी गयी है।
बताया गया है कि ओडिशा में 2017-18 और 2021-22 के बीच प्राथमिक, प्राथमिक और माध्यमिक स्तर पर प्रतिधारण दर में सुधार हुआ है। हालांकि, 2014-15 और 2021-22 के बीच माध्यमिक स्तर पर ड्रॉपआउट में 22.2% की कमी के बावजूद ओडिशा में अभी भी भारत में सबसे अधिक माध्यमिक स्तर की ड्रॉपआउट दर 27.29 प्रतिशत है।
ओडिशा में 1,737 आवासीय विद्यालयों और 5,500 छात्रावासों का एक विस्तृत नेटवर्क है, जिससे प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्तर की शिक्षा में 2.75 लाख छात्राओं सहित 4.5 लाख एसटी और एससी छात्र लाभान्वित होते हैं।
महिला साक्षरता में प्रगति
आर्थिक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, ओडिशा ने महिला साक्षरता में प्रगति दिखाई है। 7 वर्ष की आयु की महिलाओं की साक्षरता दर 2001 (जनगणना) में 50.5 प्रतिशत से बढ़कर 2022-23 (पीएलएफएस) में 73.6 प्रतिशत हो गई है। हालांकि यह अभी भी अखिल भारतीय स्तर की महिला साक्षरता दर 80.3 प्रतिशत से कम है। यूडीआईएसई रिपोर्ट (2021-22) के अनुसार, लड़कियों की जीईआर वर्तमान में उच्च प्राथमिक, माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक स्तरों पर अपने पुरुष समकक्षों की तुलना में बेहतर है। ओडिशा में संस्थागत जन्म दर 92.2 प्रतिशत है, जबकि अखिल भारतीय स्तर पर यह 88.6 प्रतिशत है। दूसरी ओर, मातृ मृत्यु दर अनुपात 2018-20 में 119 प्रति लाख जीवित जन्म है, जबकि अखिल भारतीय स्तर पर यह 97 प्रति लाख जीवित जन्म है।
80 प्रतिशत से अधिक आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में
ओडिशा में 80 प्रतिशत से अधिक आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है। ग्रामीण सड़कों की लंबाई 2011-12 में 22,795 किलोमीटर से बढ़कर 2023-24 में 99,446 किलोमीटर हो गई है।
खेल अवसंरचना में विकास
खेल अवसंरचना विकास में विविधता लाने के उद्देश्य से पुरी, ब्रह्मपुर, केंदुझर, जयपुर, राउरकेला और सुंदरगढ़ में राज्यव्यापी एकीकृत खेल परिसरों का निर्माण किया गया है, जबकि झारसुगुड़ा और जाजपुर निर्माणाधीन हैं। राज्यभर में अधिक निवेश करने और अधिक खेल सुविधाएं बनाने की आवश्यकता है, जिससे राज्य में अधिक चैंपियन एथलीट बनाने में मदद मिलेगी।