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विधानसभा में पेश की गयी आर्थिक सर्वे रिपोर्ट में दावा
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प्रति व्यक्ति आय के मामले में ओडिशा 11वें पायदान पर
भुवनेश्वर। अग्रिम अनुमान के अनुसार 2023-24 में ओडिशा की अर्थव्यवस्था 8.5 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है, जबकि 2022-23 में 7.9 प्रतिशत की वृद्धि होगी। हालांकि, यह वृद्धि उद्योग क्षेत्र और सेवा क्षेत्र में केंद्रित थी।
यह जानकारी विधानसभा में पेश की गयी आर्थिक सर्वे रिपोर्ट में दी गयी है।
आर्थिक सर्वे रिपोर्ट में बताया गया है कि ओडिशा की प्रति व्यक्ति औसत आय 2023-24 में 1,61,437 रुपये रहने का अनुमान है, जो भारत की प्रति व्यक्ति आय 1,84,205 रुपये से 12.4 प्रतिशत कम है। हालांकि 2015-16 से ओडिशा की प्रति व्यक्ति आय 12.1 प्रतिशत की सीएजीआर से बढ़ी है, फिर भी ओडिशा 17 प्रमुख राज्यों में 11वें स्थान पर है। बताया गया है कि राज्य प्रति व्यक्ति आय बढ़ाने के लिए अपने विकास और विकासात्मक प्रयासों में तेजी लाने के लिए प्रतिबद्ध है और देश के ‘विकसित भारत’ लक्ष्य में योगदान दे रहा है।
62 लाख से अधिक बहुआयामी गरीबी से बाहर
आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि नीति आयोग के अनुसार, राज्य में बहुआयामी गरीबी का अनुपात 2015-16 में 29.3 प्रतिशत से घटकर 2019-21 में 15.7 प्रतिशत हो गया है। 2015-16 और 2019-21 के बीच राज्य में 62 लाख से अधिक लोग बहुआयामी गरीबी से बाहर निकले हैं। हालांकि, ओडिशा गरीबी की उच्च दर वाले 17 प्रमुख राज्यों में 6वें स्थान पर है।
किसानों की आय बढ़ाने की जरूरत
इसी तरह से कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में 2023-24 में 3.5 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है, जिसने सकल राज्य मूल्य वर्धन (जीएसवीए) में 20.4 प्रतिशत का योगदान दिया। राज्य को उत्पादकता और किसानों की आय बढ़ाने के लिए फसल विविधीकरण की दिशा में कदम उठाने की जरूरत है।
मूल्यवर्धित उद्योगों में विविधता लाना जरूरी
अग्रिम अनुमान के अनुसार, ओडिशा में उद्योग क्षेत्र 2023-24 में 8.7 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है, जो सकल राज्य मूल्य वर्धित (जीएसवीए) में 43.2 प्रतिशत का योगदान देगा। हालांकि, ओडिशा में औद्योगिक गतिविधियां मुख्य रूप से मूल धातु और खनिज आधारित उद्योगों में केंद्रित हैं। खनिज आधारित उद्योगों से अन्य मूल्यवर्धित उद्योगों में विविधता लाने के लिए और अधिक ठोस प्रयास करने की आवश्यकता है।
आईटी और आईटीईएस कंपनियों को प्रोत्साहन जरूरी
सेवा क्षेत्र में 2023-24 में औसतन 9.2 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान है, जो राज्य की अर्थव्यवस्था में लगभग 36 प्रतिशत का योगदान देगा तथा कुल कार्यबल में इसका रोजगार हिस्सा 26 प्रतिशत होगा।
आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि कुछ आईटी कंपनियों ने भुवनेश्वर में अपने घरेलू और वैश्विक परिचालन शुरू कर दिए हैं। बावजूद इसके राज्य को ओडिशा में अपना परिचालन शुरू करने के लिए अधिक आईटी और आईटीईएस कंपनियों को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है, जिससे ओडिशा से आईटी/सॉफ्टवेयर निर्यात में वृद्धि हो सके।
पर्यटन में अपार संभावनाएं
इसके साथ ही बताया गया है कि ओडिशा में पर्यटन में अपार संभावनाएं हैं। हालांकि, महामारी के बाद राज्य में पर्यटकों की संख्या में अभी भी सुधार नहीं हुआ है। इसलिए, राज्य को पर्यटन के बुनियादी ढांचे में अपने निवेश को बढ़ाने की जरूरत है, ताकि ओडिशा शीर्ष पर्यटन स्थल वाला राज्य बन सके।
रोजगार सृजन पर राज्य का ध्यान
राज्य में श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर) और महिला एलएफपीआर में वृद्धि हो रही है। ओडिशा में एलएफपीआर (15 वर्ष से अधिक आयु के लिए) 2018-19 में 51.2 प्रतिशत से बढ़कर 2022-23 में 61.3 प्रतिशत हो गई है। ओडिशा में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु वर्ग के लिए महिला श्रम बल भागीदारी दर 2018-19 में 24.4 प्रतिशत से बढ़कर 2022-23 में 44.7 प्रतिशत हो गई है। हालांकि, अभी भी अधिकांश रोजगार कृषि और निर्माण क्षेत्र में है। बेहतर वेतन संरचना के साथ अधिक गुणवत्तापूर्ण रोजगार सृजन पर राज्य का ध्यान है।
पूंजीगत व्यय का स्तर बढ़ने की संभावना
राज्य ने 2023-24 (बीई) में पूंजीगत परिव्यय के लिए लगभग 51,683 करोड़ रुपये आवंटित किए, जो जीएसडीपी का 6.2 प्रतिशत है। हालांकि, राज्य में व्याप्त बुनियादी ढांचे की कमी को देखते हुए आगामी वर्षों में राज्य के पूंजीगत व्यय का स्तर बढ़ने की संभावना है।
ओडिशा अपने प्रमुख राजकोषीय संकेतकों को एफआरबीएम सीमा के भीतर रखने में सक्षम रहा है। ओडिशा का राजकोषीय घाटा जीएसडीपी अनुपात 2019-20 में 3.5 प्रतिशत से घटकर 2023-24 बजट अनुमान में 3.1 प्रतिशत हो गया।
2022-23 (संशोधित अनुमान) और 2023-24 (बजट अनुमान) में ऋण अनुपात क्रमशः 12.9 प्रतिशत और 13.6 प्रतिशत रहा, जो पंद्रहवें वित्त आयोग और ओडिशा एफआरबीएम अधिनियम, 2005 द्वारा निर्धारित 25 प्रतिशत की सीमा से कम है।
खाद्यान्न उत्पादन24.2 प्रतिशत बढ़ा
ओडिशा में खाद्यान्न उत्पादन 2021-22 के 113.8 लाख मीट्रिक टन से 24.2 प्रतिशत बढ़कर 2022-23 में 141.4 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच गया है। ओडिशा देश का 5वां सबसे बड़ा चावल उत्पादक राज्य है, जिसकी 2021-22 तक भारत में कुल चावल उत्पादन में 7 प्रतिशत हिस्सेदारी है। ओडिशा में विभिन्न फसलों की पैदावार राष्ट्रीय औसत से कम है। ओडिशा में चावल की पैदावार अखिल भारतीय स्तर से 19 प्रतिशत कम है जबकि दालों के मामले में पैदावार में 61 प्रतिशत का अंतर है। किसानों की आय बढ़ाने के लिए पैदावार बढ़ाने और दक्षता में सुधार करने की आवश्यकता है।
बाजरा उत्पादन 47.3 प्रतिशत बढ़ा
भारत सरकार के प्रोत्साहन के बाद, ओडिशा वर्ष 2017-18 से ओडिशा बाजरा मिशन के तहत बाजरा की खेती और खपत को बढ़ावा दे रहा है।
ओडिशा में बाजरा उत्पादन 2022-23 में 47.3 प्रतिशत बढ़ा है। ओडिशा बाजरा मिशन के कार्यान्वयन के बाद से, राज्य में बाजरा उत्पादन 2017-18 और 2022-23 के बीच 121 प्रतिशत बढ़ा है।