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लोकसभा में संसद के पहले दिन स्टील प्लांट की स्थापना का मुद्दा उठाया
भुवनेश्वर। बार-बार मांग के बावजूद खनिज संसाधनों से भरपूर व अन्य संबंधित सुविधाओं से के होने के बावजूद केंदुझर जिले में मेगा स्टील प्लांट की स्थापना नहीं की गई है। इसके कारण यह क्षेत्र उपेक्षित है और केंदुझर जिले के युवा रोजगार की तलाश में दूसरे राज्यों में जाने को मजबूर हैं। इसलिए जिले में मेगा स्टील प्लांट की स्थापना होनी चाहिए।
केंदुझर सांसद अनंत नायक इस पुरानी मांग को संसद के बजट सत्र के पहले दिन सोमवार को इसे जोरदार तरीके से उठाया।
नायक ने सोमवार को लोकसभा में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि ओडिशा-झारखंड सीमा पर केंदुझर-सिंहभूम-बणई गलियारा खनिजों से समृद्ध है। इस गलियारे का बड़ा हिस्सा केंदुझर जिले में है। एशिया का सबसे बड़ा और सबसे विकसित 25 मिलियन टन का लौह अयस्क भंडार केंदुझर जिले में स्थित है। सरकार द्वारा इन खदानों से खनिजों का निर्यात किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि खनिज संसाधनों से समृद्ध होने के बावजूद केंदुझर जिला बेहद पिछड़ा क्षेत्र बना हुआ है। इस क्षेत्र के युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों की कमी है। इसलिए वे आजीविका के लिए दूसरे राज्यों में पलायन करने के लिए मजबूर हैं।
उन्होंने आगे कहा कि केंदुझर में उच्च गुणवत्ता वाले अयस्क का समुचित उपयोग करने के लिए जिले में एक मेगा स्टील प्लांट स्थापित करने की आवश्यकता है। इससे न केवल क्षेत्र का समग्र विकास होगा, बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार भी पैदा होगा। इस मेगा स्टील प्लांट की स्थापना के लिए बंदरगाह कनेक्टिविटी, रेल कनेक्टिविटी और राष्ट्रीय राजमार्ग कनेक्टिविटी जैसे आवश्यक बुनियादी ढांचे यहां उपलब्ध हैं। इसलिए उन्होंने जल्द से जल्द केंदुझर जिले में मेगा स्टील प्लांट के लिए आवश्यक कदम उठाया जाए।
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