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रत्न भंडार के अंदर गुप्त कक्ष या सुंरग नहीं : न्यायमूर्ति रथ

  • यूट्यूबर्स, मीडिया और अन्य लोगों से अपील की

  • कहा- ऐसी खबरें न फैलाएं

पुरी। रत्न भंडार खोलने के लिए नवगठित समिति के अध्यक्ष एवं राज्य के उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश विश्वनाथ रथ ने कहा कि रत्न भंडार के अंदर गुप्त कक्ष या सुंरग नहीं है। रत्न भंडार के अंदर गुप्त कक्ष या सुरंग पर उन्होंने कहा कि हमने ऐसी बातों पर कभी विश्वास नहीं किया। मैं लोगों से अपील करता हूं कि ये तथ्य पर आधारित नहीं हैं। मैं यूट्यूबर्स, मीडिया और अन्य लोगों से भी अपील करता हूं कि वे ऐसी खबरें न फैलाएं। हमने अलमारी शिफ्ट कर दी है और हमें ऐसी कोई चीज नहीं मिली है।

गुरुवार को उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि हमने जो कुछ भी देखा, हमें अपनी नंगी आंखों से कोई सुरंग या गुप्त कक्ष नहीं मिला। दोबारा जांच के लिए कोई एसओपी नहीं है और इसकी जरूरत है, इसलिए हम बैठक बुलाएंगे और ओडिशा सरकार के निर्देशों के अनुसार आगे बढ़ेंगे। उन्होंने अन्य 10 सदस्यों के साथ भीतरी कक्ष में सात घंटे से अधिक समय बिताया।

इधर, श्री जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार के भीतरी कक्ष में एक गोपनीय सुरंग होने को लेकर लगाई जा रही अटकलों के बीच पुरी के राजा एवं गजपति महाराजा दिव्य सिंहदेव ने कहा था कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) जांच के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर सकता है। कई स्थानीय लोगों का मानना है कि रत्न भंडार के भीतरी कक्ष में एक गुप्त सुरंग है। उन्होंने कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण कक्ष की स्थिति का आकलन करने के लिए ‘लेजर स्कैन’ जैसे उन्नत उपकरणों का उपयोग कर सकता है। ऐसी तकनीक का उपयोग कर सर्वेक्षण करने से सुरंगों जैसी किसी भी संरचना के बारे में जानकारी मिल सकती है।

समिति के एक अन्य सदस्य और सेवादार दुर्गा दासमहापात्र ने कहा कि हमें रत्न भंडार में कोई गुप्त कक्ष या सुरंग नहीं दिखी। रत्न भंडार लगभग 20 फुट ऊंचा और 14 फुट लंबा है। उन्होंने निरीक्षण के दौरान सामने आईं कुछ छोटी-मोटी समस्याओं का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि छत से कई छोटे पत्थर गिरे थे और रत्न भंडार की दीवार में दरार आ गई। सौभाग्य से, फर्श में उतनी नमी नहीं थी जितनी आशंका थी।

रत्न भंडार के अंदर कोई सांप नहीं

स्नेक हेल्पलाइन के सदस्य सुवेंदु मल्लिक ने कहा कि हम अंदर नहीं गए। हमारी टीमें तैयार थीं और हमें अधिकारियों ने कोई सांप पकड़ने के लिए नहीं बुलाया था। हमारी सेवाएं नहीं ली गईं। अगर सांप होते तो हमारी टीम को बुलाया जाता। हम रत्न भंडार के उद्घाटन में लगी टीम को आत्मविश्वास और सुरक्षा की भावना देने आए थे।

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