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दो नाइजीरियाई समेत तीन गिरफ्तार
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गिरफ्तारों में दिल्ली की एक महिला भी शामिल
भुवनेश्वर। ओडिशा की अपराध शाखा की सीआईडी की साइबर अपराध इकाई ने केसल डील में निवेश धोखाधड़ी के माध्यम से भुवनेश्वर के एक व्यक्ति से 2.5 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी करने के आरोप में नई दिल्ली से दो नाइजीरियाई लोगों सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए लोगों में क्रिस्टोफर चिजोबम उर्फ चिजोबम क्रिस्ट और ननमदी स्टेनली मबामालू उर्फ जर्मन (दोनों नाइजीरियाई नागरिक) तथा नई दिल्ली की आरती गौतम शामिल हैं।
निवेश के नाम पर धोखाधड़ी
यह जानकारी अपराध शाखा की एक विज्ञप्ति में दी गयी है। बताया गया है कि उन्हें भुवनेश्वर लाया जा रहा है। साइबर अपराधियों का यह गिरोह केसर के कारोबार में निवेश की आड़ में उच्च रिटर्न का वादा कर काम कर रहा था।
आरती ने अपने और दूसरों के नाम से बैंक खाते खोले और इन खातों को क्रिस्टोफर के साथ साझा किया। क्रिस्टोफर ने इनका इस्तेमाल धोखाधड़ी से प्राप्त धन को स्थानांतरित करने के लिए किया। चोरी के पैसे की प्राप्ति को सुविधाजनक बनाने के लिए खच्चर खातों के संग्रह में क्रिस्टोफर शामिल था। ननमदी ने एटीएम से नकदी निकाली और इसे एक अन्य नाइजीरियाई को सौंप दिया।
शिकायत के बाद गिरोह का पर्दाफाश
भुवनेश्वर के व्यक्ति द्वारा साइबर अपराध इकाई, सीआईडी सीबी में शिकायत दर्ज कराने के बाद यह रैकेट प्रकाश में आया। उन्होंने बताया कि दिसंबर 2023 में फेसबुक, फिर व्हाट्सएप और ईमेल के जरिए ओडिशा कैडर के पूर्व आईएएस अधिकारी के रूप में एक व्यक्ति ने उनसे संपर्क किया। इस दौरान उस व्यक्ति ने दावा किया कि वह वाशिंगटन डीसी में विश्व बैंक में काम कर रहा था।
विश्व बैंक परियोजना के नाम पर ठगी
सोशल मीडिया पर बातचीत के दौरान जालसाज ने पीड़ित को एक ईमेल भेजा, जिसमें विश्व बैंक मुख्यालय को केसर की आपूर्ति करने की परियोजना में शामिल होने के लिए कहा गया। उसने पीड़ित को ईमेल के माध्यम से विश्व बैंक खरीद विभाग से संपर्क करने और उनकी परियोजना के लिए केसर की आपूर्ति में रुचि व्यक्त करने के लिए कहा।
नकली खरीद आदेश और केसर की आपूर्ति
फिर जालसाज ने एक आपूर्तिकर्ता का परिचय दिया, जिसने भारत में केसर किसानों के लिए मार्केटिंग एजेंट ऑर्गेनिक्स मर्चेंडाइज में क्षेत्रीय प्रबंधक होने का दिखावा किया।
उन्होंने परीक्षण के लिए 10 किलोग्राम केसर की शुरुआती आपूर्ति के साथ तथाकथित आपूर्ति व्यवसाय शुरू किया और फिर विश्व बैंक से नकली खरीद आदेश के अनुसार 110 किलोग्राम तक डील को लेकर पहुंच गए। पीड़ित ने विभिन्न भारतीय बैंक खातों में कई लेनदेन के माध्यम से कुल 2,65,15,940 रुपये का भुगतान किया।
अधिक पैसे की मांग पर हुआ धोखाधड़ी का अहसास
जालसाज द्वारा और पैसे मांगे जाने पर पीड़ित को अहसास हुआ कि उसके साथ धोखाधड़ी हुई है और उसने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन, सीआईडी-सीबी में शिकायत की। उसकी शिकायत के आधार पर क्राइम ब्रांच ने जांच शुरू की।
गहन जांच के बाद हुई गिरफ्तारी
इंस्पेक्टर बिभु रंजन सुंदराय के नेतृत्व में एक टीम ने गहन जांच की और नई दिल्ली से आरती गौतम को गिरफ्तार किया। बाद में मिले सुरागों के आधार पर टीम ने दो नाइजीरियाई नागरिकों को गिरफ्तार किया। जांच के दौरान टीम ने छह मोबाइल फोन, दो लैपटॉप, 10 सिम कार्ड, 10 बैंक खातों की पासबुक, दो डेबिट कार्ड और एक आधार कार्ड जब्त किया।
10 राज्यों में इनके खाता नंबरों का इस्तेमाल
गृह मंत्रालय के राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) में सत्यापन से पता चला है कि साइबर अपराधियों का यह गिरोह देश भर में साइबर धोखाधड़ी की एक श्रृंखला में शामिल रहा है। इनके खाता नंबरों का इस्तेमाल देश भर के 10 राज्यों में लगभग 94 मामलों में किया गया है।