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मुख्यमंत्री मोहन माझी ने नवगठित कमेटी के एसओपी को मंजूरी दी
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आईबीआई के प्रतिनिधि भी मौके पर रहेंगे मौजूद
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पारदर्शी तरीके से किया जायेगा पूरा काम
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कानूनी दस्तावेजीकरण भी किया जायेगा
भुवनेश्वर। महाप्रभु श्री जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार कल सोमवार को 46 साल बाद खुलेगा। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने नवगठित कमेटी के एसओपी को मंजूरी दे दी है।
यह जानकारी शनिवार देर शाम राज्य के विधि मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने दी। उन्होंने कहा कि एसओपी को मुख्यमंत्री ने मंजूरी दे दी है। पूरा काम पारदर्शी तरीके से किया जायेगा। उस समय आरबीआई के प्रतिनिधि भी मौजूद रहेंगे। उसका कानूनी दस्तावेजीकरण भी किया जायेगा। रत्न भंडार 46 साल बाद रविवार को फिर से खुलेगा। रत्न भंडार आखिरी बार 1978 में खोला गया था।
मुख्यमंत्री से हरी झंडी मिलने के बाद जिला प्रशासन, कमेटी और श्रीजगन्नाथ मंदिर प्रशासन रत्न भंडाल को खोलने को लेकर तैयारियों में जुट गये हैं।
आभूषणों की सूची बनेगी
बताया गया है कि इस दौरान आभूषणों की जांच-पड़ताल के साथ-साथ अन्य मूल्यवान सामानों की सूची बनाई जायेगी। अधिकारियों ने कहा कि 12वीं सदी के इस मंदिर के रखरखाव का काम देखने वाला भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) इस अवसर का उपयोग मरम्मत कार्य के लिए करेगा।
तैयारी हो चुकी है पूरी – डीएम
पुरी के जिलाधिकारी सिद्धार्थ शंकर स्वाईं ने कहा कि हम रविवार को रत्न भंडार को फिर से खोलने के लिए पूरी तैयारी कर चुके हैं। हम श्री जगन्नाथ मंदिर अधिनियम के अनुसार सरकार द्वारा जारी मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) का सख्ती से पालन करेंगे।
पहले लोकनाथ की होगी पूजा-अर्चना
राज्य के उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति विश्वनाथ रथ की अध्यक्षता वाली विशेष समिति के सदस्य सौमेंद्र मुदुली ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा गठित 16 सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति ने 14 जुलाई को रत्न भंडार को फिर से खोलने की सिफारिश की थी। पारंपरिक पोशाक के साथ हम सबसे पहले मंदिर के अंदर भगवान लोकनाथ की पूजा-अर्चना करेंगे।
पहले अधिकृत कर्मचारी और एक सपेरा करेगा प्रवेश
मुदुली ने कहा कि एहतियात के तौर पर पहले अधिकृत कर्मचारी और एक सपेरा रत्न भंडार में प्रवेश करेगा। भगवान बलभद्र के मुख्य सेवक हलधर दास महापात्र ने रत्न भंडार के लंबे समय से बंद रहने का हवाला देते हुए मरम्मत के लिए राज्य सरकार द्वारा इसे फिर से खोलने की आवश्यकता पर बल दिया।
अंदर एक संरक्षक सांप होने की अफवाह
रत्न भंडार के अंदर एक संरक्षक सांप होने की अफवाहें है। इस पर दास महापात्र ने स्पष्ट किया कि ऐसी कोई अड़चन नहीं है। उन्होंने सरकार को संग्रहित मूल्यवान सामानों का वजन न कराने की सलाह दी। इसके बजाय उन्होंने वस्तुओं की गिनती करने और उन्हें फिर से सील करने का सुझाव दिया।