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भाजपा उम्मीदवार के निर्वाचन को अयोग्य ठहराने की मांग
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कहा-उम्मीदवार ने हलफनामे में अपने खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों का उल्लेख नहीं किया
कटक। बीजद की झारसुगुड़ा से पूर्व विधायक दीपाली दास ने निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार टंकधर त्रिपाठी के निर्वाचन को अयोग्य ठहराने की मांग करते हुए राज्य के उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
शुक्रवार को उच्च न्यायालय में दायर अपनी याचिका में दीपाली ने दावा किया है कि त्रिपाठी ने ओडिशा में विधानसभा चुनाव से पहले अपना नामांकन पत्र दाखिल करते समय झूठा हलफनामा दाखिल किया था। उन्होंने मीडिया से कहा कि भाजपा उम्मीदवार ने राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को सौंपे गए हलफनामे में अपने खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों का उल्लेख नहीं किया है। चूंकि यह जनप्रतिनिधित्व अधिनियम का उल्लंघन करता है, इसलिए उनके निर्वाचन को अमान्य घोषित किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि न्यायालय में दायर उनकी याचिका में विस्तृत जानकारी दी गई है और मामले में हस्तक्षेप की मांग की गई है।
चुनाव में हार के बाद दीपाली ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में ईवीएम व वीवीपीएटी मेमोरी सत्यापन के लिए भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) के समक्ष एक याचिका प्रस्तुत की थी। आयोग ने भी याचिका स्वीकार कर ली थी और झारसुगुड़ा में 13 मतदान केंद्रों की जांच और सत्यापन की अनुमति दे दी थी।
उल्लेखनीय है कि दीपाली, जिन्होंने अपने पिता और तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री नव दास के निधन के बाद 2023 में झारसुगुड़ा से उपचुनाव जीता था, 2024 के चुनाव में त्रिपाठी से 1,333 मतों से हार गईं। त्रिपाठी ने 91,105 मतों से चुनाव जीता, जबकि दीपाली को 89,772 मत मिले।