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रथयात्रा में उमड़ा भक्ति व आस्था का जनसैलाब

  • भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के संग मौसी के घर निकले महाप्रभु श्री जगन्नाथ

  • राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, राज्यपाल रघुवर दास, मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान व नेता प्रति पक्ष नवीन पटनायक समेत अन्य हुई शामिल

पुरी। पुरी में महाप्रभु श्री जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा की विश्व विख्यात रथयात्रा आज पुरी में भव्य तरीके से निकली। इस प्रसिद्ध रथयात्रा देखने के लिए लाखों श्रद्धालु भगवान जगन्नाथ के निवास पर उमड़ पड़े। पुरी के राजा दिव्य सिंहदेव द्वारा ‘छेरा पहंरा’ (रथ सफाई) अनुष्ठान पूरा करने के बाद शाम करीब 5.20 बजे रथ खींचने का काम शुरू हुआ।

बलभद्र के रथ को सबसे पहले और उसके बाद देवी सुभद्रा का रथ खींचा गया। अंत में भगवान श्री जगन्नाथ का रथ गुंडिचा मंदिर की ओर निकला।

53 सालों के बाद दो दिन रथयात्रा

53 सालों के बाद नव यौवन दर्शन, नेत्र उत्सव व रथयात्रा एक दिन हुआ। इस कारण इस साल रथों को दो दिन तक खिंचा जाना है। अब सोमवार को फिर से यह तीनों रथ गुंडिचा मंदिर ओर खिंचा जाएगा।

सभी विशेष अनुष्ठान संपन्न हुए

रविवार सुबह से ही कई विशेष अनुष्ठान जैसे मंगल आरती, मइलम, तड़प लगी, रोष होम, अवकाश, सूर्य पूजा, द्वारपाल पूजा, गोपाल बल्लभ, सकल धूप (खेचुड़ी भोग), रथ प्रतिष्ठा के अनुष्ठान संपन्न किये गये। उसके बाद चतुर्धा मूर्ति यानी सुदर्शन, देवी सुभद्रा, बलभद्र व जगन्नाथ पहंडी नीति के जरिये एक के बाद एक पवित्र रथों पर सवार हुए। भगवान सुदर्शन, भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान श्री जगन्नाथ क्रमशः पहंडी में आए और अपने रथों पर सवार हुए।

शंकराचार्य ने किये दर्शन

औपचारिक पहंडी अनुष्ठान पूरा होने के बाद शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने तीन रथों, भगवान श्री जगन्नाथ के नंदीघोष, भगवान बलभद्र के तालध्वज और देवी सुभद्रा के देवदलन की ओर गये और उनके दर्शन किए।

राजा दिव्य सिंहदेव ने छेरा पहंरा नीति की

इसके बाद पुरी के गजपति राजा दिव्य सिंहदेव ने छेरा पहंरा नीति पूरी की। उन्होंने इस नीति के तहत भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहनों बलभद्र और देवी सुभद्रा के रथों को सोने की झाड़ू से साफ किया। इसके जरिए संदेश यह जाता है कि प्रभु के समक्ष सभी एक श्रेणी में हैं। इसके बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, राज्यपाल रघुवर दास, मुख्यमंत्री मोहन माझी, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और अन्य गणमान्य लोगों ने श्री जगन्नाथ की रथयात्रा में पहुंचे। पूर्व सीएम और विपक्ष के नेता नवीन पटनायक भी उनके साथ शामिल हुए। धर्मेंद्र ने उन्हें कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने के बाद मंच तक पहुंचाया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, राज्यपाल रघुवर दास, मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी, केन्द्रीय मंत्री धर्मन्द्र प्रधान व विपक्ष के नेता नवीन पटनायक ने रथ में आरुढ़ भगवान श्री जगन्नाथ के दर्शन किये।

भक्ति में झूमे लोग

रथयात्रा के दौरान भक्तों और कलाकारों ने ओडिसी नृत्य और अन्य नृत्य प्रस्तुत किए। माहौल आध्यात्मिक हो गया था। घंटियां बज रही थीं और जय जगन्नाथ और हरि बोल के नारे चारों ओर गूंज रहे थे। रथयात्रा शुरू होने से पहले विभिन्न कलाकारों के समूहों ने कीर्तन (धार्मिक गीत) प्रस्तुत किये।

सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था

ओडिशा सरकार ने श्री जगन्नाथ मंदिर के भगवान के वार्षिक प्रवास को सुचारू और समय पर आयोजित करने के लिए विस्तृत व्यवस्था की थी। सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं और 180 प्लाटून (एक प्लाटून में 30 जवान) सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए थे। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि महोत्सव स्थल बड़दांड और तीर्थ नगरी के अन्य रणनीतिक स्थानों पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। उन्होंने बताया कि मौसम गर्म और उमस भरा रहने की आशंका को देखते हुए श्रद्धालुओं की भीड़ पर पानी छिड़का गया।

एक श्रद्धालु की मौत

पुरी में रथयात्रा के दौरान रथ खींचे जाने के भगदड़ मचने जैसी स्थिति उत्पन्न हुई। इस कारण कुछ लोगों को श्वास लेने में तकलीफ हुई। वहां उपस्थित इन लोगों को तुरंत पुरी जिला चिकित्सालय ले जाया गया। पुरी जिला चिकित्सालय में डाक्टरों ने एक व्यक्ति को मृत घोषणा की है। मृतक की पहचान नहीं हो पायी थी। उसका मोबाइल उसके पास है।

उम्मीद से ज्यादा उमड़ी भीड़

कहा जा रहा है कि इस साल की रथयात्रा में उम्मीद से ज्यादा श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है। इस बीच मौसम के बदले मिजाज के कारण वहां लोगों ने सांस लेने में दिक्कत की शिकायत की। लोगों को तत्काल अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही थी।

300 से अधिक लोग अस्पताल पहुंचे 

सूत्रों ने बताया कि 300 से अधिक लोगों को पुरी जिला मुख्यालय अस्पताल ले जाया गया और प्राथमिक उपचार के बाद 50 लोगों को छुट्टी दे दी गई। ओडिशा के स्वास्थ्य सचिव स्थिति का जायजा लेने के लिए अस्पताल पहुंचे। खबर है कि भीड़ में इन सभी को सांस लेने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। प्राथमिक इलाज के बाद लोगों को छुट्टी दी जा रही है।

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