-
सभी तैयारियां अंतिंम चरण में, सिंहद्वार के सामने पहुंचे तीन रथ पहुंचे
-
लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना, सुरक्षा के कड़े प्रबंध
भुवनेश्वर। पुरी में महाप्रभु श्री जगन्नाथ, देव बलभद्र और देवी सुभद्रा जी की विश्व विख्यात रथयात्रा के लिए तैयारियां अतिंम चरण में हैं और कल रविवार को रथयात्रा में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है। शनिवार को तीनों रथों को निर्माण के स्थान रथखला से लाकर श्रीमंदिर के सिंहद्वार के सामने खड़ा कर दिया गया है। रथयात्रा के मार्ग बड़दांड पर धीरे-धीरे श्रद्धांलुओं की भीड़ बढ़ती जा रही है। रविवार को भगवान जगन्नाथ, बलभद्र व देवी सुभद्रा रत्न सिंहासन छोड़कर अपने मौसी श्रीगुंडिचा के यहां यात्रा प्रारंभ करेंगे।
भव्य आयोजन से पहले, मंदिर के सेवायतों ने शनिवार को तीन विशाल रथों के लिए ‘आज्ञा माला बिजे’ अनुष्ठान किया। मंदिर में ‘सकाल धूप’ के पूरा होने के बाद यह महत्वपूर्ण अनुष्ठान किया गया। मंदिर के गर्भगृह से आज्ञा माला लाने के बाद वरिष्ठ सेवायत शोभायात्रा के रूप में भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के तीनों रथों के पास गए और वहां अनुष्ठान किया। आज्ञा माला बिजे अनुष्ठान के बाद भगवान जगन्नाथ, देवी सुभद्रा और भगवान बलभद्र के तीन रथों नंदीघोष, तलध्वज और दर्पदलन को भक्तों और पुलिस कर्मियों द्वारा खींचा गया और श्रीमंदिर के सिंहद्वार के सामने खड़ा कर दिया गया।
प्रसिद्ध रथयात्रा के लिए पुरी को पहले से ही कड़ी सुरक्षा के घेरे में रखा गया है। तटरक्षक बल और भारतीय नौसेना को हाई अलर्ट पर रहने के लिए कहा गया है। 7 जुलाई को रथयात्रा के दिन पुरी में 10 लाख से अधिक लोगों के आने की उम्मीद है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि सभी समुद्री पुलिस स्टेशनों को त्योहार के दौरान व्यापक समुद्री/भूमि गश्त बढ़ाने का निर्देश दिया गया है।
रथयात्रा किस ढंग से शांतिपूर्ण व व्यवस्थित तरीके से संपन्न होगी, इसके लिए पुलिस प्रशासन ने व्यापक तैयारी की है। भक्तों द्वारा रथ को खिंचे जाने व महाप्रभु के व्यवस्थित दर्शन के लिए पुरी पुलिस द्वारा माक ड्रील किया गया है। रथयात्रा के दौरान ट्रैफिक प्रबंधन के लिए भी व्यापक व्यवस्था की गई है। शहर के विभिन्न स्थानों पर सीसीटीवी लगाये गये हैं। श्रीमंदिर के भीतर, बाहर, बड़दांड व समुद्र तट पर भी पुलिस द्वारा व्यापक सुरक्षा प्रबंध किये गये हैं।
7 जुलाई को अनुष्ठान सुबह 2 बजे मंगल आलती के साथ शुरू होंगे और सुबह 4 बजे नेत्र उत्सव बंधन किया जाएगा। दइतापति सेवक सुबह 7.30 बजे से दोपहर 12 बजे तक छेनापट्टा लागी सेवा करेंगे। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, भगवान जगन्नाथ, देवी सुभद्रा और भगवान बलभद्र को दोपहर 1.10 बजे से 2.30 बजे के बीच ‘पहंडी बिजे’ अनुष्ठान में गर्भगृह से उनके संबंधित रथों तक लाया जाएगा। पुरी गजपति दिव्य सिंहदेव द्वारा छेरा पहंरा शाम 4 बजे निर्धारित है। भक्त शाम 5 बजे रथ खींचना शुरू करेंगे। शाम 6 बजे रथ खींचना बंद कर दिया जाएगा और अगले दिन फिर से शुरू होगा।
53 साल बाद दुर्लभ रथयात्रा का संयोग
53 साल बाद रथयात्रा को लेकर एक दुर्लभ संयोग बना है। इस इसी तरह का आयोजन 1971 में भी हुआ था। इस साल नवयौवन दर्शन, नेत्र उत्सव और रथयात्रा एक ही दिन 7 जुलाई को पड़ रहे हैं। इस कारण 7 जुलाई को थोड़ी दूरी के लिए रथों को खींचा जाएगा और अगले दिन इसे फिर से शुरू किया जाएगा।