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श्रीमंदिर रत्न भंडार को खोलने पर फैसला छह जुलाई को

  • भाजपा सरकार ने पुरानी सरकार की कमेटी को भंग कर नयी कमेटी बनायी

  • जस्टिस विश्वनाथ रथ होंगे 16 सदस्य़ीय कमेटी के अध्यक्ष

  • नवगठित 16-सदस्यीय कमेटी करेगी अंतिम निर्णय

  • उच्च न्यायालय के निर्देश पर नई कमेटी का हुआ गठन – कानून मंत्री

भुवनेश्वर। पुरी जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार को खोलने को लेकर चल रही चर्चाओं पर विराम लगाते हुए कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने गुरुवार को घोषणा की कि पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति विश्वनाथ रथ की अध्यक्षता में एक 16-सदस्यीय नई कमेटी का गठन किया गया है। यह कमेटी 6 जुलाई को रत्न भंडार को खोलने पर अंतिम निर्णय लेगी।

कानून मंत्री ने कहा कि राज्य के उच्च न्यायालय के निर्देश पर मोहन माझी सरकार ने पुरी के जगन्नाथ मंदिर में रत्न भंडार को लेकर 16 सदस्यों नयी कमेटी का गठन किया है। इसके साथ ही इस साल मार्च में पिछली नवीन पटनायक सरकार द्वारा गठित 12 सदस्यीय कमेटी को भंग कर दिया गया है।

नए कमेटी की अध्यक्षता ओडिशा उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति विश्वनाथ रथ करेंगे। विधि विभाग ने न्यायमूर्ति रथ की अध्यक्षता में 16 सदस्यीय उच्च स्तरीय कमेटी को भी अधिसूचित किया है।

इस कमेटी की जिम्मेदारी होगी कि वह रत्न भंडार के खोलने की प्रक्रिया और उसकी सुरक्षा के सभी पहलुओं पर विचार करे।

गौरतलब है कि मार्च में पिछली बीजद सरकार ने रत्न भंडार में रखे आभूषणों और अन्य कीमती सामानों की सूची की निगरानी के लिए सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश अरिजीत पसायत की अध्यक्षता में 12 सदस्यीय कमेटी का गठन किया था।

श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के मुख्य प्रशासक को कमेटी का सदस्य संयोजक नियुक्त किया गया है। कमेटी के कुछ सदस्यों में डॉ सीबीकेके मोहंती, सुदर्शन पटनायक, स्वामी प्रज्ञानानंद, पूर्व डीजीपी प्रकाश मिश्र शामिल हैं। गजपति महाराज के प्रतिनिधि और एएसआई के प्रतिनिधि इस कमेटी में होंगे।

महत्वपूर्ण बैठक 6 जुलाई को

मंत्री ने बताया कि कमेटी 6 जुलाई को बैठक करेगी और यह तय करेगी कि कार्य की प्रगति कैसे होगी। कमेटी यह भी सुनिश्चित करेगी कि रत्न भंडार को खोलने, आंतरिक खजाने की मरम्मत और आभूषणों की सूची की शुरुआत के लिए कौन सा दिन उपयुक्त होगा, जब मंदिर में कोई देवता नहीं होंगे। इसके अलावा, यह भी निर्णय लिया जाएगा कि सूची कैसे बनाई जाएगी और आभूषणों की गुणवत्ता की जांच के लिए कौन सी बाहरी एजेंसियों को शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कमेटी द्वारा निर्धारित तिथि के अनुसार, सरकार रत्न भंडार को पुनः खोलने की प्रक्रिया शुरू करेगी।

समीर मोहंती की याचिका पर कमेटी गठन का निर्देश

उल्लेखनीय है कि रत्न भंडार की सुरक्षा को लेकर भाजपा नेता समीर मोहंती द्वारा दायर जनहित याचिका का 29 सितंबर 2023 को निपटारा करते हुए हाईकोर्ट ने सरकार को एक उच्च स्तरीय कमेटी गठित करने का निर्देश दिया था।

गलत मंशा से भंग हुई पुरानी कमेटी – बीजद

नवीन पटनायक सरकार द्वारा रत्नभंडार को लेकर जस्टिस अरिजित पशायत की अध्यक्षता में गठित कमेटी को भंग किये जाने के फैसले पर बीजू जनता दल ने सवाल उठाया है। प्रतिपक्ष के मुख्य़ सचेतक प्रमिला मल्लिक ने कहा कि गलत मंशा से भाजपा सरकार ने जस्टिस पशायत की अध्यक्षता में गठित कमेटी को भंग किया है। भाजपा सरकार रत्न भंडार को लेकर विभिन्न समय पर अलग अलग बातें कह रही है। ओडिशा की जनता इसे ठीक से जानती है। भाजपा सरकार सही रास्ते पर कतई नहीं जाएगी। वे केवल लोगों को भ्रमित करेंगे।

विधि मंत्री ने बीजद को जमकर लताड़ लगाई

रत्नभंडार को लेकर नयी कमेटी के गठन पर सवाल उठाये जाने पर राज्य के विधि मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने बीजद पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बेशर्म बीजद सरकार 24 सालों के शासन के बाद भी रत्नभंडार को खोल नहीं सकी। आभूषणों की गिनती करने में नाकाम रही। अब कमेटी को क्यों भंग किया उसे लेकर सवाल उठा रहे हैं। इससे दुर्भाग्यपूर्ण बात और क्या हो सकती है।

20-25 दिन में नई सरकार ने उठाये कदम

उन्होंने कहा कि राज्य में नयी सरकार को गठित हुए 20-25 दिन हुए हैं। रत्न भंडार खोले जाने को लेकर नई सरकार कदम उठा रही है। नयी कमेटी का गठन किया किया गया है।

शनिवार को जगन्नाथ सम्मेलन हॉल में होगी – न्यायमूर्ति रथ

न्यायमूर्ति रथ ने कहा कि समिति की पहली बैठक शनिवार को जगन्नाथ सम्मेलन हॉल में होगी और इस संबंध में चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा कि पहली जिम्मेदारी रत्न भंडार को खोलना होगी, जिसके बाद कीमती सामानों की सूची तैयार करने के तौर-तरीकों पर निर्णय लिया जाएगा। रत्न भंडार के भीतरी और बाहरी हिस्से के कीमती आभूषणों को सुरक्षित रखना सबसे महत्वपूर्ण काम होगा। समिति की पहली बैठक में हम इस संबंध में उचित निर्णय लेने का प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि हम 46 साल बाद यह काम करने जा रहे हैं। बैठक में समिति के निर्णय के अनुसार एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार की जाएगी। मैंने कई वर्षों तक श्रीमंदिर के वकील के रूप में विभिन्न मुकदमे लड़े हैं। अब मुझे भगवान जगन्नाथ की सेवा करने का एक और अवसर मिला है। भगवान जगन्नाथ के आशीर्वाद और लोगों के सहयोग से हम जल्द ही काम पूरा करने की पूरी कोशिश करेंगे। भगवान की इच्छा के बिना कुछ नहीं होता। इसलिए हमें उनके काम को पूरा करने के लिए उन पर भरोसा रखना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि समिति में हमारे कई अनुभवी लोग हैं और हम उनसे उचित सुझाव लेंगे। भगवान के निर्देश से काम सुचारू रूप से पूरा होगा।

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